अनूठी मिसाल : ईद पर इंसानियत का तोहफा,यह कहानी दो दंपतियों की है जो आपको गर्व से भर देगी.
ईद का मौका है और देशभर में अमन-चैन के लिए इबादत की जा रही है. राजस्थान के जयपुर में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिली है. ईद पर पूरे देश को इंसानियत का तोहफा मिला है. यह कहानी दो दंपतियों की है जो आपको गर्व से भर देगी.
दरअसल, जयपुर के एक निजी अस्पताल में मजहब की दीवार तोड़ते हुए एक हिंदू पुरुष और एक मुस्लिम आदमी ने एक-दूसरे की पत्नियों को किडनी दान की है. इससे दोनों की जिंदगी बच गई है और इसी के साथ देश की गंगा-जमुनी संस्कृति फिर एक बार बड़े उदाहरण के साथ सामने आ गई है.
इस दान को अंजान देने के बाद उनका कहना है कि हर खून का रंग लाल ही होता है. हमारे प्रयासों के दो-दो जिंदगियां बच गईं, इससे ज्यादा अच्छा क्या हो सकता है. गौरतलब है कि हसनपुर निवासी अनीता मेहरा और अजमेरी गेट निवासी तसलीमा जहां एक ही निजी अस्पताल में भर्ती थीं.
किडनी फेल होने के बाद दोनों का डायलिसीस चल रहा था. अनीता का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था जबकि तसलीमा का ए पॉजिटिव. दोनों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. ऐसे में इत्तेफाक यह हुआ कि अनीता के पति विनोद का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव और तसलीमा के पति अनवर का बी पॉजिटिव निकल आया.
फिर दोनों ने एक दूसरे के लिए किडनी देने का फैसला कर लिया. डाक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में किडनी देने के लिए महिलाएं ही आगे आती हैं लेकिन इस बार दो पुरुष एक साथ सामने आए औऱ वह भी एक साथ. अनवर ने कहा कि वह इस बार ईद की खुशी दोगुनी मनाएंगे और विनोद ने कहा कि उनकी दीपावली तो डबल हो गई.