देश की राजधानी दिल्ली के में , पत्नी का शव लेकर घंटों भटकता रहा सड़कों पर

देश की राजधानी में एक शख्स को पत्नी के शव को लेकर घंटों भटकना पड़ा. कड़कड़डूमा के रहने वाले छोटेलाल की पत्नी की मौत अस्पताल में हो गई, जिसके बाद मकान मालिक ने घर में पत्नी के शव को रखने से मना कर दिया. इसके बाद शव को फिर से एंबुलेंस में लेकर पति भटकता रहा बाद में पड़ोसी के घर में शव को रखा जा सका.
मकान मालिक का कहना है कि ऐसे कोई कागजात नहीं मिले हैं कि जिससे लगे कि इसकी मौत किसी बीमारी से हुई है. इसलिए पैसे देकर शव को मोर्चरी में रखने को कहा था. राजधानी दिल्ली में ये हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आयी है. प्रशासन भी घटना से सकते में है.
कथित तौर पर गंभीर बीमारी से पीड़ित पत्नी की मौत सोमवार करीब 8 बजे हुई. उसके बाद लगातार एक बजे तक ये शख्स अपनी पत्नी की लाश को एम्बुलेंस में इधर से उधर लेकर भटकता रहा. बाद में पुलिस की मदद से इसकी पत्नी की लाश को एक घर में रखवाया गया.
दरअसल छोटे लाल नाम के इस शख्स की पत्नी अंजू बीमार थी और पूर्वी दिल्ली के हेडगवार अस्तपताल में भर्ती थी. जहां डॉक्टर अंजू को बीमारी से नहीं बचा पाए. लेकिन, अंजू की मौत के बाद उसकी लाश के साथ जो हुआ वो आपको हैरान कर सकता है. बिहार का रहने वाला छोटेलाल पत्नी की मौत के बाद उसकी लाश लेकर घर आया.
एम्बुलेंस में वह शव को कड़कड़डूमा स्थित अपने किराए के मकान में ले गया. छोटेलाल ने आरोप लगाया कि उसके मकान मालिक और वहां अन्य लोगों ने उसकी पत्नी की लाश को घर में रखने से माना कर दिया. जिसके बाद वो वापिस एम्बुलेंस में हॉस्पिटल ले गया और पांच घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर भटकता रहा.
छोटेलाल के आरोपों के जवाब में मकान मालिक देवेंद्र का कहना है कि छोटेलाल के पास अपनी पत्नी के मौत के कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे लगे की उसकी मौत बीमारी से हुई है. जिस कारण उन्होंने उसकी लाश को मोर्चरी में रखवाने के लिए 2000 रुपए छोटेलाल को दिए थे और साथ में संस्कार करने की जिम्मेदारी भी ली थी.
कड़कड़डूमा गांव के प्रधान का कहना है कि पुलिस ने जब उनको इस बात से अवगत कराया तो उन्होंने अंजू के शव को अपने घर में रखवा लिया. लेकिन, इस इलाके में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं जब किरायेदारों की मौत के बाद मकान मालिकों ने उनके शवों को घर में रखने से मना किया है.