सीबीआइ की पहली रिपोर्ट में हुआ उजागर, खनन में माफिया और अधिकारियों में गठजोड़

इलाहाबाद : सीबीआइ की पहली रिपोर्ट ने प्रदेश में हो रहे अवैध खनन में माफिया और अधिकारियों के गठजोड़ की बात कही है। कोर्ट में यह रिपोर्ट शुक्रवार को रखी गई थी। सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए सीबीआइ को जांच जारी रखने तथा नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई सात अक्टूबर को होगी।
मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अमर सिंह व अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पूरे प्रदेश में अवैध खनन में मिलीभगत की जांच कर सीबीआइ को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। अनुपालन में सीबीआइ ने सिर्फ एक जिले की जांच रिपोर्ट सील कवर लिफाफे में दाखिल की है। रिपोर्ट पेश करने के बाद सीबीआइ ने कोर्ट से दिशा निर्देश न मांगने पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश कर आगे की कार्यवाही के बाबत अर्जी देना चाहिए थी। कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआइ के अधिवक्ता अमित मिश्र ने कोर्ट से जानकारी प्राप्त करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने उनसे पूछा कि सीबीआइ आगे क्या कदम उठाना चाहती है। पूरे प्रदेश की जांच करनी थी तो केवल एक जिले को ही क्यों चुना, कोर्ट को बताना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी कुछ नहीं कहना चाहती तो जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का क्या मतलब है। सीबीआइ के अधिवक्ता का कहना था कि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें क्या है, उसकी उन्हें जानकारी नहीं है। ऐसे में उन्हें अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने का समय दिया जाए।
मूलचंद के गले की फांस बन सकता बिजनौर का खनन
भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रजापति की बर्खास्तगी के बाद धामपुर से विधायक और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मूलचंद चौहान को अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है। यह प्रभार चौहान के लिए मुसीबतों का सबब बन सकता है। पिछले करीब दो साल तक जिले की नदियों में जमकर अवैध खनन हुआ है और कई हिस्सों में अब भी चोरी-छिपे खनन हो रहा है।