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उत्तर प्रदेश

अवैध खनन में सरकारी मशीनरी की भूमिका की गहराई से जांच करे CBI

अवैध खनन में सरकारी मशीनरी की भूमिका की गहराई से जांच करे CBI
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इलाहाबाद: यूपी की अखिलेश यादव सरकार से कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की बर्खास्तगी के बावजूद अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट कतई नरमी बरतने के मूड में नहीं है. हाईकोर्ट ने आज जांच एजेंसी सीबीआई को सख्त हिदायत दी है कि वह अवैध खनन में सरकारी मशीनरी की भूमिका की भी गहराई से जांच करे और उसके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए.

अदालत ने सीबीआई को इस बात की भी हिदायत दी है कि वह अपनी जांच सिर्फ कुछ ज़िलों तक ही सीमित न रखे और यूपी के जिन भी हिस्सों से अवैध खनन की शिकायतें हैं, उन सभी जगहों पर जांच करे.

चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने सीबीआई को आठ अक्टूबर को कोर्ट में डिटेल्स प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने को कहा है. अदालत के इस सख्त रुख के बाद अवैध खनन की सीबीआई जांच में कई बड़ी मछलियों के भी फंसने की आशंका जताई जा रही है.

आशंका यह भी जताई जा रही है कि सीएम अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही सीबीआई जांच की वजह से ही खनन विभाग के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को बर्खास्त किया है. कई अर्जियों में गायत्री को पार्टी भी बनाया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान अदालत ने न तो गायत्री को नोटिस जारी किया और न ही उनसे जवाब मांगा था.

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसी साल 28 जुलाई को एक आदेश जारी कर यूपी में हो रहे अवैध खनन की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. यूपी सरकार ने अवैध खनन की जांच वापस लिए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ही खारिज कर दिया था.

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