राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस अफसरों को वहीं बुलाकर उनकी क्लास लगा दी
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू शुक्रवार दोपहर मंटोला के सदर भट्ठी स्थित बहादुर बिटिया नाजिया से मिलने पहुंची। उसे गली के गुंडे परेशान कर रहे हैं। उसने दो दिन पहले सीएम अखिलेश यादव को ट्वीट कर अपनी व्यथा बताई थी। बावजूद इसके आगरा की पुलिस ने एक्शन नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि एक ओर अखिलेश यादव महिलाओं को हौसला देने की बात करते हैं, बहादुर बेटियों को अवार्ड देते हैं, दूसरी ओर उनकी हिफाजत भी नहीं कर पाते।
उनकी पुलिस महिला अपराध पर एक्शन नहीं लेती। उन्होंने मंटोला के थानेदार से नाजिया की ओर से दर्ज केस के बारे में पूछा। जवाब मिला, सर, वो क्या है कि मामला मुस्लिमों का है, इसने हिंदू संगठनों को बुला लिया था, इतना सुनते ही सुषमा साहू बुरी तरह से उखड़ गईं। बोलीं, तुम्हें मालूम है क्या कह रहे हो, राजनीति का काम नेताओं के लिए छोड़ दो। पीड़ित को पीड़ित समझो और अपराधी को बस अपराधी। यह हिंदू-मुस्लिम की बात पुलिस को नहीं करनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने एसओ और सीओ को तीन दिन में कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया।
सीएम को ट्वीट, फिर भी एक्शन नहीं
बहादुरी के लिए मिला था अवार्ड
12 वीं की छात्रा नाजिया ने पिछले साल सात जुलाई को एक बच्ची का अपहरण होने से बचाया था। इसके लिए उसे महिला दिवस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड दिया। इसके बाद एक चैनल के कार्यक्रम में अभिनेता अक्षय कुमार ने भी उसकी बहादुरी को सलाम किया।
गली के गुंडों कर रहे परेशान
पिछले कुछ दिनों से गली के चार गुंडे उसे परेशान कर रहे थे। वह स्कूल जाती तो रास्ता रोक लेते। नाजिया का कहना है कि यह लोग सट्टा करते हैं, उसने इनकी शिकायत पुलिस से की थी। इसी पर दुश्मनी मान बैठे हैं। उसने एफआईआर कराई थी।
जब एक्शन नहीं हुआ तो सात सितंबर को सीएम अखिलेश यादव के ट्विटर एकाउंट पर शिकायत की। इसके बावजूद पुलिस हरकत में नहीं आई। इसका पता चलने पर साहू उसके घर पहुंची।