आंगनवाड़ी सेविकाओं ने की गांधीगीरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने सहित सात सूत्री मांगों को लेकर आंगनवाड़ी सेविकाएं छठे दिन भी धरने पर डटी रहीं. मंगलवार को उन्होंने गांधीगीरी के तहत राहगीरों को गुलाब का फूल देकर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की तरफ आकर्षित किया.
आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका संघ की अध्यक्ष किरन वर्मा ने कहा, "प्रदेश सरकार ने सेविकाओं के हित में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. मांगों को लेकर 9 दिन धरना देने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त से वार्ता कराई गई थी. आयुक्त से 15 दिनों में कुछ मांगें पूरी करने का आश्वासन मिला था. लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है."
किरन ने कहा कि उन्हें कई और कर्मचारी संगठनों को समर्थन मिला है. जल्द ही आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शासनादेश जारी होने पर ही आंदोलन खत्म होगा.
हजारों महिला प्रदर्शनकारियों में रमा पाण्डेय, कुमुस वर्मा, मीरा अवस्थी, सुमन यादव, रंजना चौहान, वंदना पाण्डेय व सरला भी शामिल रहीं.
यूपी: 16वें दिन भी डटे रहे कम्प्यूटर शिक्षक
अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर कम्प्यूटर शिक्षक मंगलवार को भी लक्ष्मण मेला मैदान में डटे रहे. सोलह दिन से आंदोलनरत शिक्षकों ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की.
माध्यमिक कंप्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन के महामंत्री अनिरुद्ध पाण्डेय का कहना है कि राजकीय सहायत प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चार हजार अनुदेशक कार्यरत थे, लेकिन सरकार के अड़ियल रवैये के चलते दो साल पूर्व ही उनकी सेवा समाप्त कर दी गई. उन्होंने एक निश्चित मानदेय दिए जाने और कंप्यूटर शिक्षकों का पद सृजन करके पूर्ण शिक्षक का दर्जा देने की मांग उठाई.
मंडल अध्यक्ष (वाराणसी) संजय यादव ने कहा कि सरकार माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य कर रही है, लेकिन कम्प्यूटर शिक्षकों का कोई ध्यान नहीं दे रही है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह बीते 15 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनका कहना है कि मांगें पूरी होने पर ही आंदोलन खत्म किया जाएगा.