आजम खां की बर्खास्तगी को लेकर भाजपा का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
BY Suryakant Pathak7 Sep 2016 3:06 PM GMT

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Suryakant Pathak7 Sep 2016 3:06 PM GMT
लखनऊ । भाजपा ने प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां द्वारा संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति अमर्यादित बयान को मुद्दा बनाकर बुधवार को प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और आजम का पुतला फूंका। भाजपाइयों की पुलिस से झड़प और नोक-झोंक भी हुई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की अगुवाई में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन देकर आजम की बर्खास्तगी की मांग की। राज्यपाल ने भरोसा दिया कि वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात में केशव मौर्य ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि जिससे कोई महापुरुषों का अपमान न कर सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंबेडकर की प्रतिमा में अंगुली का संकेत और संदेश है कि हम सभी को राष्ट्र नव निर्माण पथ पर आगे बढऩा है लेकिन बाबा साहब की अंगुली के संदेश को आजम खां ने भूमाफिया जैसे शब्दों से परिभाषित करते हुए भारत रत्न का अपमान किया। कहा कि इससे करोड़ों जनता की भावना आहत हुई है। भाजपा ने ऐसे मंत्री के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है।
राज्यपाल राम नाईक ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहेंगे। राज्यपाल को प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई जिलों में कार्यकर्ताओं पर लाठियां भी चलाई। बताया कि लखनऊ जिलाध्यक्ष राम निवास यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज की गयी। प्रदेश अध्यक्ष के साथ गये प्रतिनिधि मंडल में पूर्व सांसद जुगल किशोर, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, राम नरेश रावत, प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, महामंत्री विद्यासागर सोनकर, विजय बहादुर पाठक, मंत्री अनूप गुप्ता, संतोष सिंह, अनीता अग्रवाल, भारत दीक्षित, राम सिंह समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।
मायावती ने सिर्फ औपचारिकता पूरी की : भाजपा
अंबेडकर के खिलाफ आजम की अमर्यादित टिप्पणी पर बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया को भाजपा ने सिर्फ औपचारिकता बताया है। प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि दलित वोटों की मार्केटिंग करने वाली बसपा सुप्रीमों ने भाजपा के प्रदर्शन से उपजी आत्मग्लानि, शर्मिंदगी और वोट की वजह से बयान की निंदा की है। मायावती को बाबा साहब के अपमान के बाद आजम के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए था। बुआ-भतीजे की मिली भगत के कारण वह अंबेडकर का भी अपमान सहने को तैयार हैं।
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