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उत्तर प्रदेश

रामगोपाल, शिवपाल के रिश्तों की बर्फ पिघलती नजर आई

रामगोपाल, शिवपाल के रिश्तों की बर्फ पिघलती नजर आई
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मैनपुरी। मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच हुई गुफ्तगू से मैनपुरी में तो ये संदेश चला गया है कि दोनों नेताओं के गिले शिकवे शायद अब दूर हो गए हैं। अभी एक सप्ताह पूर्व शिवपाल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की चर्चाएं भी फैली थीं। लेकिन इन चर्चाओं को पूर्व सीएम ने खारिज कर दिया था। माना जा रहा है कि अब दोनों नेताओं के बीच रिश्तों की बर्फ पिघल गई है। भले ही आगे इस बदलाव के मायने बदल जाएं लेकिन फिलहाल सपाई खेमा रामगोपाल और शिवपाल के मिलन को पार्टी की मजबूती के रूप में देख रहा है।
औंछा में पूर्व सपा नेता सुजान सिंह यादव के आवास पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कर्नाटक के राजनैतिक हालात पर कहा कि वहां गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। भाजपा वहां तोड़फोड़ नहीं कर पाएगी। शेष सवालों के जवाबों को रामगोपाल ने टाल दिया और चले गए। वहां मौजूद शिवपाल ने भी सवालों के जवाब निजी कार्यक्रम में आने की बात कहकर टाल दिए और समर्थकों के साथ बातचीत में जुट गए। इस दौरान सपा के बड़े लीडर मौजूद रहे।

अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद जब सौंपा गया था तो उन दिनों शिवपाल पर आरोप लगा था कि उन्होंने मुलायम से कहकर अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से बाहर निकलवाया है। हालांकि इस प्रकरण के बाद से ही शिवपाल सपा में होने वाले बड़े फैसलों से दूर रखे गए हैं। शिवपाल ने जनपद ही नहीं बल्कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में इस बात को खुलकर कहा भी है कि उन्हें सपा की बैठकों में नहीं बुलाया जाता। शिवपाल ने दूसरी पार्टी बनाने की बात भी कही थी।
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