दीक्षांत समारोह के मंच से खूब चले सियासी तीर
BY Anonymous15 May 2018 2:07 AM GMT

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Anonymous15 May 2018 2:07 AM GMT
जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां ने भले ही यह कहा कि यह तालीमी प्रोग्राम है। यहां टिकट नहीं डिग्रियां बटेंगी। यह राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है। बावजूद इसके शैक्षणिक समारोह में दीक्षांत समारोह के मंच से खूब सियासी तीर चले। मंचासीन सभी राजनैतिक लोगों ने अपने-अपने अंदाज में अपनी-अपनी बात कही।
आजम खां ने जहां अपना अब तक का सफरनामा बयां किया, वहीं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और तरक्की की बात कह युवाओं पर डोरे डाले। बहुत कम बोलने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पूर्व राज्यपाल पर निशाना साधा।
पूर्व मंत्री आजम खां ने अपनी बात इसी से शुरू कि आपके लिए हमने बहुत कुछ खोया है। बहुत जुल्म सहे हैं, तब जाकर यहां तक का सफर तय किया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने धूप से बिलबिलाते, पसीने से तर युवाओं को रिझाते हुए कहा कि हमारी सरकार होती तो ऐसी गर्मी में नहीं बैठना पड़ता, ऐसा पंडाल नहीं होता। उन्होंने बेरोजगारी का जिक्र कर युवाओं की दुखती रग पर हाथ रखा, वहीं अपने काम भी गिनाए। यह भी कहा कि वह फिर ताकत में आएंगे, और जब ऐसा होगा तो एक बार फिर जौहर विवि को चमकाएंगे। वहीं, मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जब जौहर विवि का विधेयक लाए थे तो उस वक्त के गर्वनर ने रोक लगाई थी, लेकिन, बेमन से ही सही, उन्होंने बाद में मंजूरी दी।
मंच से एमएमयू प्रकरण को छुआ
बेशक, अखिलेश यादव ने मंच से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जिन्ना का नाम नहीं लिया लेकिन, बातों ही बातों में निशाना साधते नजर आए। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर लड़वाकर राजनीति करते हैं। अब इन्होंने धर्म के नाम पर विश्वविद्यालयों में भी झगड़े शुरू करा दिए हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि कोई भी धर्म लड़ाई-झगड़े का रास्ता नहीं दिखाता।
हमारे संविधान से अच्छा कोई नहीं
अखिलेश यादव ने संविधान की भी बात कही। कहा कि भारत के संविधान से अच्छा कोई संविधान नहीं है। यही है जो सबको समानता के अधिकार की बात करता है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को यह निर्णय लेना होगा कि वह पर कैप्टा इनकम कैसे बढ़ाएं, कैसे मूलभूत सुविधाएं बढ़ाएं।
आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज से की तुलना
अखिलेश यादव ने जौहर विश्वविद्यालय की तुलना आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से की। बोले-आक्सफोर्ड का इतिहास करीब एजार साल पुराना है। कैम्ब्रिज का करीब पांच सौ साल पुराना इतिहास है लेकिन, जौहर विवि का इतिहास, चंद साल पुराना है। इसके बावजूद वैश्विक पटल पर छा रही है।
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