Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

किसान दे रहे जान, उद्योगपतियों पर सरकार मेहरबानः वरुण गांधी

किसान दे रहे जान, उद्योगपतियों पर सरकार मेहरबानः वरुण गांधी
X

एक तरफ कर्ज के बोझ से दबे किसान आत्म हत्या कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उद्योगपतियों के 2 लाख 24 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया जाता है। इससे भाजपा नेता वरुण गांधी असहमत हीं नहीं बल्कि खफा भी हैं। सोमवार को मंगलायतन विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने पहुंचे वरुण गांधी का यह दर्द साफ-साफ झलका।

उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की माफ की गई धनराशि से पांच वर्ष तक देश में मनरेगा चलाते तो करोड़ों मजदूरों को लाभ मिलता। उन्होंने फर्रुखाबाद के संजीव वर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि 40 हजार का कर्ज चुकाने के लिए वे झांसी जाकर अपना गुर्दा बेच देते है। अगले साल फिर फसल खराब होने पर लीवर का हिस्सा बेच देते है और इसमें उनकी जान चली जाती है।

दूसरी तरफ विजय माल्या जैसे उद्योगपति 9 हजार 400 करोड़ रुपये लेकर विदेश भाग जाता है। हालांकि इस क्रम में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 17 से 28 आयु वर्ग के तीन हजार नवजवान अवसाद एवं बेरोजगारी के कारण आत्म हत्या कर ली। हम उनकी जिंदगी बचा सकते थे।

'यूपी में तीन हजार किसानों ने आत्म हत्या की, इसका कहीं रिकार्ड नहीं'

इस देश के तीन चौथाई परिवार 5 हजार रुपये कमाते और उसी से जीते है। करीब 56 प्रतिशत शहरी लोग एक दिन में 134 रुपये भी नहीं कमा पाते। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत शहरी एवं 54 प्रतिशत ग्रामीण लोग पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं कराते।

उन्होंने सवाल उठाया कि हम किस नई सदी की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में तीन हजार किसानों ने आत्म हत्या की। इसका कहीं रिकार्ड नहीं है। मैं चुपचाप उनके घर गया। आज किसानों के बच्चे खेती-बाड़ी से भाग रहे हैं।

इसका नुकसान सिर्फ किसान हीं नहीं बल्कि पूरा देश उठाएगा। खाद्य सुरक्षा के कारण ही हमने बड़ी-बड़ी बाधाओं को पार किया है। लेकिन यह टूट गई तो देश घुटने पर आ जाएगा।

Next Story
Share it