Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

गणेश चतुर्थी व‌िशेषः गणेश जी को खुश करने का सबसे असान और सस्ता तरीका

गणेश चतुर्थी व‌िशेषः गणेश जी को खुश करने का सबसे असान और सस्ता तरीका
X

चतुर्थी त‌िथ‌ि के स्वामी भगवान गणेश हैं इसल‌िए चतुर्थी त‌िथ‌ि को गणेश जी की पूजा का व‌‌िशेष महत्व शास्‍त्रों और पुराणों में बताया गया है। ले‌क‌िन पूरे वर्ष की चतुर्थी त‌ि‌थ‌ि में भाद्र महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी त‌िथ‌ि का व‌िशेष महत्व है क्‍योंक‌ि इस त‌िथ‌ि को गणेश जी का जन्‍म हुआ माना जाता है। इसल‌िए इसे गणेश चौठ के नाम से भी जाना जाता है। इसद‌िन गणेश जी की पूजा से पूरे वर्ष गणपत‌ि की पूजा का पुण्य प्राप्त होता है। शास्‍त्रों में बताया गया है क‌ि गणेश जी की पूजा से भक्तों के सभी व‌िघ्न बाधाएं दूर होती हैं। गणेश जी बुद्ध‌ि के भी स्वामी हैं इस‌ल‌िए अपने भक्तों की बुद्ध‌ि को प्रखर बनाते हैं और व्यापार व्यवसाय में लाभ द‌िलाते हैं। इसल‌िए आप भी इस वर्ष गणपत‌ि को खुश करने के ल‌िए यह आसान उपाय आजमाएं।

गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा करना। दूर्वा गणेश जी को इसलिए प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है। गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया गया है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा दुर्वांकुर से करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर के समान होने का मतलब है व्यक्ति के पास धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है।

गणेश जी को प्रसन्न करने का दूसरा सरल तरीका है मोदक का भोग। गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। मोदक का भोग लगाने वाले की मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रह्म से की गयी है। मोदक भी अमृत मिश्रित माना गया है।

पंचामृत में एक अमृत घी भी होता है। घी को पुष्टिवर्धक और रोगनाशक कहा गया है। भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का बड़ा महात्म्य बताया गया है। जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा घी से करता है उसकी बुद्धि प्रखर होती है। घी से गणेश की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी योग्यता और ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है।

गणेश जी को अक्षत यानी ब‌िना टूटा हुआ चावल अर्प‌ित करें। सूखा चावाल गणेश जी को भूलकर भी नहीं चढ़ाएं। चावल को गीला करें फिर, 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं। माना जाता है क‌ि इससे आयु और मान-सम्मान में वृद्ध‌ि होती है।

सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः'




Next Story
Share it