CM अखिलेश ने एक घंटे में निपटाए 30 साल से लटके मामले

रक्षा मंत्रालय और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अफसरों के बीच शनिवार को हुई एक घंटे की वार्ता में ही वर्षों से लंबित कई मामलों पर सहमति बन गई। इनमें कई प्रोजेक्ट 3-4 साल तो कुछ 30-40 साल से लंबित थे। बैठक में आगरा में विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
रक्षा मंत्रालय व राज्य के बीच लंबित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जेआरके राव के नेतृत्व में एक दल लखनऊ पहुंचा। मुख्य सचिव दीपक सिंघल की अध्यक्षता में हुई वार्ता में सबसे पहले आगरा में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने पर चर्चा हुई।
इसमें दोनों पक्षों में तय हुआ कि आगरा में वायुसेना के नियंत्रण वाले एयरपोर्ट का विस्तार कर इसे अंतर्राष्ट्रीय रूप दिया जा सकता है। इसके लिए करीब 150 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इस जमीन के मालिक 347 किसानों में से 300 से आगरा के डीएम ने सहमति प्राप्त कर ली है। भूमि की कुल कीमत करीब 1.65 अरब रुपये है।
एक माह में जमीन उपलब्ध कराने पर दी सहमति
अब करीब 110 करोड़ रुपये से रनवे की लंबाई बढ़ाकर इसे अंतर्राष्ट्रीय विमानों की लैंडिंग के अनुकूल बनाने तथा विस्तार से जुड़े कार्य प्रदेश सरकार ही कराएगी। लेकिन पूरे काम का पर्यवेक्षण वायुसेना के अधिकारी करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। आगरा में अंतर्राष्ट्रीय विमानों की सीधी लैंडिंग होने से लाखों पर्यटकों की यात्रा सुगम होगा। यह भी तय हुआ कि मौके पर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाएगा और प्रयास होगा कि अगले पांच से छह महीने में विस्तारीकरण कार्य तथा सिविल एन्क्लेव का काम पूरा कर लिया जाए। इससे मार्च 2017 तक सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट व्यवहारिक रूप से कार्य करना शुरू कर देगा।
सैफई में कार्गो टर्मिनल विकसित करने पर 15 दिन में परीक्षण
केंद्र व प्रदेश के अधिकारियों के बीच मुलायम सिंह यादव के गृह क्षेत्र सैफई के एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल विकसित करने, वहां पर वायुयानों के मरम्मत व रख-रखाव के लिए एमआरओ सुविधा विकसित करने तथा फ्लाइंग क्लब चलाए जाने पर भी चर्चा हुई। इस प्रोजेक्ट पर भी वायुसेना ने सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की तथा अगले 15 दिन में इसका परीक्षण कर मंतव्य बताने को कहा है।
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रक्षा मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव रखा कि वह सारी भूमि प्रदेश सरकार को दे सकता है, बशर्ते वह इस भूमि के बदले समान मूल्य की भूमि कहीं और दे दे। एक माह में इस पर कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। वहीं वाराणसी में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए फुलवरिया रोड बनाने व चौड़ा करने के मामले पर भी सहमति बन गई है।
तय हुआ कि इस कार्य के लिए ली जाने वाली जमीन के बदले समान मूल्य की जमीन प्रदेश सरकार लखनऊ में उपलब्ध कराएगी तथा चार लेन सड़क का निर्माण प्रदेश सरकार की एजेंसी द्वारा किया जायेगा। सड़क निर्माण का खर्चा प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार आधा-आधा उठाएंगे।
इसी तरह वाराणसी रेलवे स्टेशन पर आवागमन को और बेहतर बनाने के लिये एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के निर्माण पर भी सहमति बनी है। इसके लिये रक्षा मंत्रालय अपनी जमीन दे देगा। इसके बदले भी प्रदेश सरकार समान मूल्य की जमीन लखनऊ में रक्षा मंत्रालय को देगी।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
बैठक के बाद मुख्य सचिव के साथ रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव जेआरके राव , जनरल अफसर कमाडिंग मेजर जनरल विनोद शर्मा, वाइस एयर मार्शल सेंट्रल एअर कमांड इलाहाबाद राजेश इस्सर, कमिश्नर वाराणसी नितिन रमेश गोकर्ण और डीएम आगरा गौरव दयाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
अधिकारियों ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और उनकी पहल व सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने भी प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया तथा विकास परियोजनाओं में उनके द्वारा दिए गए सहयोग को एक सकारात्मक कदम बताया।
सीएम ने यह भी कहा कि यह प्रशासनिक तत्परता की एक मिशाल है कि एक घंटे में ही इतने सालों के पुराने सभी मामलों का बैठकर एक बार में ही समाधान कर दिया गया। इसके लिये उन्होंने भारत सरकार एवं सेना के अधिकारियों तथा प्रदेश सरकार के अधिकारियों की सराहना की।