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फर्जी डिग्री मामले में 15 सितंबर को होगा स्मृति ईरानी की किस्मत का फैसला

फर्जी डिग्री मामले में 15 सितंबर को होगा स्मृति ईरानी की किस्मत का फैसला
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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फर्जी डिग्री विवाद मामले में उन्हें तलब करने की मांग पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। स्वतंत्र लेखक अहमर खान ने स्मृति के खिलाफ एक शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्होंने विभिन्न चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं दी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने शिकायतकर्ता की ओर से दी गई दलीलें सुनने और चुनाव आयोग एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर स्मृति की शैक्षणिक डिग्रियों के बारे में सौंपी गई रिपोर्टों का अध्ययन किया। इस मामले में 15 सितंबर को आदेश सुनाया जाएगा।

स्वतंत्र लेखक अहमर खान के स्मृति ईरानी पर आरोप

खान ने आरोप लगाया था कि स्मृति ने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानबूझकर गुमराह करने वाली सूचना दी थी और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 और आईपीसी के प्रावधानों के तहत यदि कोई उम्मीदवार जानबूझकर गलत जानकारी देता है तो उसे सजा दी जा सकती है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि स्मृति ने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी दी और इस मुद्दे पर चिंताएं जताए जाने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।

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