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अमरीका का खुलासाः पाक में ही रची गई थी पठानकोट हमले की साजिश

अमरीका का खुलासाः पाक में ही रची गई थी पठानकोट हमले की साजिश
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नई दिल्ली/पठानकोटः एयरबेस हमले को लेकर यू.एस ने पाकिस्तान के साथ कुछ नई जानकारियां सांझी की हैं। इसमें जैश- ए -मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की तैयारी की जा रही है।
साल की शुरुआत में पठानकोट एयरबेस पर हुई आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया गया था। अमरीका ने इस बात की पुष्टि की है कि पठानकोट हमले की साजिश पाकिस्तान से ही रची गई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस मामले में अमरीका ने भारत को कुछ सबूत सौंपे हैं। अमरीका ने यह सबूत ऐसे समय में भारत को दिए है जब राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के खिलाफ पठानकोट हमले के संदर्भ में चार्जशीट दायर करने पर विचार कर रही है।
अमरीका ने एन.आई.ए. को जानकारी दी है कि जनवरी में एयरबेस पर हुए हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों के फेसबुक का आईपी एड्रेस और जैश के वित्तीय मामलों को देख-रेख करने वाले संगठन अल रहमत ट्रस्ट की वैबसाइट का आईपी एड्रेस और लोकशन पाकिस्तान में ही है।
अमरीका जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जैश के हैंडलर काशिफ जान के दोस्तों तथा पठानकोट में मारे गए चारों आतंकियों (नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारूख और अब्दुल कयूम) ने जिस फेसबुक ग्रुप्स का उपयोग किया था वे जैश से जुड़े हुए थे।
हमले के समय अल रहमत ट्रस्ट के वेबपेज rangonoor.com और alqalamonline.com अपलोड किया गया था। इस दोनों का संचालन करने वाला तारिक सिद्दीकी इसके लिए एक ही ई-मेल का प्रयोग कर रहा था जिसका आईपी एड्रेस कराची के मालिर स्थित रफा-ए-आम सासायटी में था। एक अधिकारी ने बताया, 'अमरीका ने इस बात की पुष्टि की है कि ये सभी वेबसाइट्स और इनके आईपी एड्रेस की लोकेशन पाकिस्तान में पाई गई है और पठानकोट हमले के समय इन्हें अपलोड किया गया।'
जांच में यह बात सामने निकलकर आई है कि काशिफ जान जिस फेसबुक अकाउंट का उपयोग कर रहा था वह उसी नंबर से कनेक्टेट था जिस पर आतंकियों ने पंजाब पुलिस के एस.पी. सलविंदर सिंह को अगवा करने के बाद पठानकोट से फोन किया था। आतंकियों ने एक अन्य नंबर पर भी फोन किया था जिसका उपोयग 'मुल्ला दादुल्ला' के फेसबुक अकाउंट से जुड़ा हुआ था। इन फेसबुक अकाउंट का संचालन पठानकोट हमले के दौरान पाकिस्तान से हो रहा था और इसके लिए पाकिस्तान की टेलीकॉम फर्म्स के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था।
इससे पहले भी अमरीका ने एन.आई.ए. एक हजार पन्ने का डोजियर सौंपा था। इस डोजियर में जैश-ए-मोहम्मद के संचालक कासिफ जान और चार फिदायीनों के बीच हुई बातचीत रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची के एक सुरक्षित ठिकाने में बैठकर मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे।
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