Home > राज्य > उत्तर प्रदेश > बुलंदशहर गैंगरेप : सुप्रीम कोर्ट का आजम खां व यूपी सरकार को नोटिस, सीबीआइ जांच पर रोक
बुलंदशहर गैंगरेप : सुप्रीम कोर्ट का आजम खां व यूपी सरकार को नोटिस, सीबीआइ जांच पर रोक
BY Suryakant Pathak29 Aug 2016 2:45 PM GMT

X
Suryakant Pathak29 Aug 2016 2:45 PM GMT
लखनऊ । बुलंदशहर में 29 जुलाई को रोड होल्ड अप तथा गैंगरेप पीडि़त परिवार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार व कैबिनेट मंत्री आजम खां को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर कांड मे यूपी सरकार, आज़म खान, यूपी डीजीपी और बुलंदशहर एसएसपी को नोटिस जारी कर
केस की सीबीआइ जांच पर रोक लगा दी है।
पीडि़त परिवार इस मामले में आजम खां के गैरजिम्मेदाराना बयान से आहत होकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया था। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच चल रही थी।
आजम खां के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पीडि़त किसी के खिलाफ रेप या गैंग रेप या कोई अन्य जघन्य अपराध की शिकायत लिखाता है तो क्या सरकारी पद धारण करने वाला कोई व्यक्ति या अथारिटी यह टिप्पणी कर सकता है कि ये राजनैतिक साजिश है। जबकि उस व्यक्ति का उस अपराध से कोई लेना देना भी न हो। क्या राज्य सरकार को इस तरह की टिप्पणी की अनुमति देनी चाहिए या फिर उस व्यक्ति से खंडन कराना था।
जबकि उस टिप्पणी का लोगों के मन पर असर पड़ता हो और उनका अपराध के निष्पक्ष जांच से विश्वास डिगता हो। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त है और इस पूरे केस की जांच पर फिलहाल रोक लगाने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि क्या ऐसी टिप्पणी अभिव्यक्ति की आज़ादी के दायरे मे आएगी या उसकी सीमा तोड़ने वाली मानी जाएगी जबकि टिप्पणी खुद के बचाव मे न दी गई हो।
कोर्ट ने इन क़ानूनी सवालों पर सुनवाई का मन बनाया। वरिष्ठ वक़ील एफ़एस नार्रिमन को सुनवाई मे मदद के लिए अमाइकस नियुक्त किया ।
गौरतलब है कि बुलंदशहर गैंगरेप की नाबालिग पीडि़ता की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। पीडि़ता ने मांग की थी कि पूरी घटना की जांच कोर्ट की निगरानी में हो।
सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को उसके पुनर्वास, शिक्षा और सुरक्षित भविष्य के इंतजाम के लिए निर्देश दे। साथ ही, जहां लूट और बलात्कार की घटना हुई वहां के पुलिसवालों की भूमिका की जांच हो और उन पर कार्रवाई हो।
Next Story