बलिया में बाढ़, गंगा में समाया एक गांव, कभी भी टूट सकता है नेशनल हाइवे

बलिया: पहली बार उत्तर प्रदेश के बलिया से बाढ़ की भयानक तस्वीर सामने आई है. बांध टूटने से बलिया के गांव गंगा में समा गए हैं. यहां पहली मंजिल तक पानी भरा हुआ है. हाल ये है कि नेशनल हाइवे कभी भी टूट सकता है.
बालिया में चारों तरफ है सिर्फ पानी ही पानी है. तीन दिन पहले तक यहां एक गांव हुआ करता था. लेकिन पांच सौ की आबादी वाला श्रीनगर नाम का वो गांव अब गंगा में समा चुका है. गांव वाले सुरक्षित हैं लेकिन उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है.
पास में बलिया जिले का दुबे छपरा गांव है. गांव में स्कूल से लेकर कॉलेज तक है. लेकिन गंगा और घाघरा के कहर ने गांव को टापू में बदलकर रख दिया है. स्कूल-कॉलेज में पहली मंजिल तक पानी भरा है. इस दुबे छपरा गांव में बाढ का पानी बांध टूटने की वजह से आया है. यहां लोग बांध को बचाने की खुद से कोशिश कर रहे थे. लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही और शनिवार की रात 12 बजे बांध टूट गया.
कल दिन में जब एबीपी न्यूज के संवाददाता अंकित गुप्ता बाढ़ की रिपोर्टिंग के लिए गए थे तो उनको नाव पर सवार ऐसे कई लोग मिले जो बांध टूटने से पहले घर बार छोड़कर जा चुके थे. कल ये लोग नाव पर ये देखने जा रहे थे कि बाढ़ के कहर ने उनके आशियाने का क्या हाल किया है.
गंगा के गुस्से ने गांव के गांव डूबो दिये हैं. खतरा नेशनल हाइवे पर भी है. गाजीपुर से हाजीपुर की ओर जाने वाला नेशनल हाइवे कभी भी टूट सकता है. इसे बचाने के लिए मिट्टी की बोरियां हाइवे के एक तरफ खड़ी की गई है. ताकि बाढ़ का कहर रोड झेल सके.
इस हाइवे को तो बचाने की कोशिश हो रही है लेकिन एक हाइवे ऐसा भी है जो तालाब में बदल चुका है. लोग किसी नदी तालाब में नहीं बल्कि हाइवे पर नहा रहे हैं. आरा-बक्सर की ओर जाने वाला हाइवे नंबर 84 बाढ़ में डूब चुका है. छोटी गाड़ियों के साथ कोई पार करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है.
वहीं, यहां का दुबहर थाना पानी भरने के बाद खाली हो चुका है. पास में एक कॉलेज भी है जो पानी में डूब गया है. बिहार की सीमा से सटे यूपी के बलिया जिले की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में है. फिलहाल बाढ़ के पानी के उतरने की कोई उम्मीद दिख नहीं रही है.