बलिया: टूट गया 1952 में बना दुबे छपरा रिंग बांध, घनी आबादी वाले इलाके में घुसा गंगा का पानी

बलिया: लगातार गंगा के सैलाब को झेलते हुए 1952 में बना दुबे छपरा रिंग बांध टूट गया है. देर रात 2:30 पानी में बढ़े दबाव के चलते रिंग बांध पर असर पड़ा. विगत दिनों गांव वालों के अथक प्रयास से इस बांध का कुछ हिस्सा बचाया गया था.
बताया जा रहा है कि रिंग बांध के निकट श्रीनगर गांव में गंगा के बाढ़ की त्रासदी अधिक हुई थी. जिस के चलते इस गांव के सैकड़ों घर तबाह हो गए थे. गांव का सारा हिस्सा जलमग्न हो गया था. सिर्फ एक उजड़ा हुआ घर बचा था. गंगा के पानी के लगातार दबाव के कारण वो घर गिर गया. जिसकी वजह से गंगा के पानी में दबाव और बाढ़ गया. पानी के दबाव का सीधा असर दुबे छपरा रिंग बांध पर पड़ा और 1952 में गीता प्रेस गोरखपुर की तरफ से बनाया गया रिंग बाध इस बार तीसरी दफे गंगा के आए बाढ़ की वजह से टूट गया.
आपको बता दें की विगत वर्षों 2003 और 2013 में गंगा में आई बाढ़ की वजह से ये बाध टूटा था. इसके बाद इस रिंग बाध का जिम्मा सिंचाई विभाग को दे दिया गया था.
दुबे छपरा रिंग बांध टूटने के बाद गंगा का पानी घनी आबादी वाले हिस्से में प्रवेश कर गया है. इस बांध के टूटने से 30 हजार से भी अधिक जिंदगियां प्रभावित होंगी. इसके साथ ही दर्जनों गांव अब गंगा के बाढ़ के कोहराम की आगोश में आ गए गए.
बाढ़ आया बहार आई इसी तर्ज पर बाढ़ खंड के अधिकारी काम कर रहे है. इस बंधे को मजबूत करने ले लिए 9 करोड़ का धन मिला था. जिसे कागजों में काम दिखा कर सारा पैसा लूट लिया गया. जब इस रिंग बांध की कटने की बारी आई और गांव वाले हिसाब मंगाते सारे अधिकारी रात के अंधेरे में भाग खड़े हुए.