ओडिशा में मानवता फिर शर्मसार, लाश की हड्डियां तोड़ पोटली बनाकर ले गए
BY Suryakant Pathak27 Aug 2016 12:14 PM GMT

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Suryakant Pathak27 Aug 2016 12:14 PM GMT
बालासोर। ओडिशा में कालाहांडी में पत्नी के शव को कंधे पर 12 किलोमीटर ढोने की घटना के बाद मानवता को शर्मसार करने वाली एक और तस्वीर सामने आई है। ओडिशा में बालासोर के सोरो इलाके के एक स्वास्थ्य केंद्र की इस तस्वीर में लाश की पोटली बनाने के लिए कर्मचारी उसकी हड्डियां तोड़ रहे हैं।
दूसरी तस्वीर में हड्डियां तोड़ने के बाद कर्मचारी लाश की पोटली बना रहे हैं।

दूसरी तस्वीर में हड्डियां तोड़ने के बाद कर्मचारी लाश की पोटली बना रहे हैं। तीसरी तस्वीर में कर्मचारी उस पोटली को उठाकर ले जा रहे हैं। 76 साल की वृद्धा की है लाश बुधवार को सोरो इलाके में ट्रेन की चपेट में आने से 76 साल की वृद्धा सालामनी बारिक की मौत हो गई। सोरो में कोई अस्पताल नहीं है, सिर्फ एक स्वास्थ्य केंद्र है जहां वृद्धा की लाश ले जाई गई। लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए 30 किलोमीटर दूर बालासोर ट्रेन से ले जाना था और एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी।
रेलवे स्टेशन तक ले जाने के लिए ऑटो का खर्चा भी कर्मचारियों को महंगा लग रहा था इसलिए उन्होंने लाश की हड्डियां तोड़ीं, पोटली बनाई और उसको बांस में बांधकर रेलवे स्टेशन ले गए जैसा कि आप तस्वीरों में देख रहे हैं। लाश घंटों पड़ी रहीं, अकड़ गई थीं हड्डियां वृद्ध महिला की लाश को स्वास्थ्य केंद्र तक पुलिस ले गई थी। वहां घंटों स्ट्रेचर पर लाश पड़ी रहने की वजह से हड्डियां अकड़ गईं। उसे उठाकर स्टेशन ले जाना संभव नहीं जान पड़ा तो कर्मचारियों ने लाश की हड्डियां तोड़कर उसकी पोटली बना ली और 2 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन ले गए।
वृद्धा के बेटे ने लगाई न्याय की गुहार वृद्धा का बेटा मौके पर मौजूद था लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए न्याय की गुहार लगाई। उसने कहा, 'मेरी मां को बुरा हाल करके ले गए। मैं मजबूर था इसलिए कुछ नहीं कर सका। मुझे न्याय चाहिए।'
ओडिशा मानवाधिकार ने मांगा जवाब ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने बालासोर मामले में पुलिस और डिस्ट्रिक्ट ऑथोरिटी से जवाबतलब किया है। दो दिन पहले ओडिशा के कालाहांडी से एक ऐसा ही मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था जिसमें एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से दीना मांझी को अपनी पत्नी का शव कांधे पर उठाकर 12 किलोमीटर चलने पर मजबूर होना पड़ा।
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