कमलेश तिवारी की रिहाई पर फैसला जल्द, SC ने हाईकोर्ट को दिया चार हफ्ते का समय
नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में जेल में बंद हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की रिहाई पर जल्द फैसला हो सकता है. आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "इलाहाबाद हाईकोर्ट चार हफ्ते के भीतर रिहाई की अर्जी पर फैसला दे."
कोर्ट में आज क्या हुआ ?
सुप्रीम कोर्ट में आज कमलेश तिवारी के वकील ने कहा , "कई महीनों से उनके मुवक्किल को कानून का दुरूपयोग करते हुए जेल में बंद रखा गया है. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की है. हाई कोर्ट में इस पर सुनवाई नहीं हो रही है."
कमलेश के वकील की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में ही करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि 31 अगस्त के बाद 4 हफ्ते में हाई कोर्ट मामले का निपटारा कर दे.
क्या है पूरा मामला?
साल 2015 में पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था.
कमलेश को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत नियम है कि इसकी हर तीन महीने में समीक्षा की जाए. लेकिन कमलेश पर एक साल के नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगाया गया.
कमलेश की पत्नी ने मार्च में अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में अर्जी दी कि कानून का दुरुपयोग करके जबरन कैद में रखा जा रहा है. हाई कोर्ट में अभी तक मामले की सुनवाई ना होने के बाद कमलेश के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी.
आरोपों से कमलेश का इनकार
कमलेश तिवारी को एक स्थानीय अखबार में छपे उनके बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. कमलेश अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. अखबार ने मनगढ़ंत तरीके के बयान को छापा है.
कमलेश के खिलाफ जारी हुए थे फतवे
कमलेश तिवारी के बयान के बाद मुस्लिम समुदाय में काफी गुस्से में आ गया था. उनके खिलाफ देवबंद, सहारनपुर, लखनऊ सहित देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय ने प्रदर्शन किया था.
अब हाई कोर्ट पर निगाहें.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सारी निगाहें हाईकोर्ट पर हैं कि वो कमलेश तिवारी को रिहा करने का आदेश देती है या फिर जेल में ही रखती है.