संगम नगरी में बाढ़ की दिल दहला देने वाली तस्वीरें
इलाहाबाद. संगम के शहर इलाहाबाद में बाढ़ की स्थिति अब भयावह होती जा रही है। एक चौथाई शहर और 200 से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है और यहां चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। संगम स्थित लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर पूरी तरह बाढ़ के पानी में समा चुका है। इस प्राचीन मंदिर के 50 मीटर ऊंचे मुख्य द्वार के गुम्बद का सिर्फ एक फिट का हिस्सा ही पानी के बाहर नजर आ रहा है। अगर गुम्बद के छोटे से हिस्से पर नजर न पड़े तो यह अंदाज लगाना भी मुश्किल होगा कि पानी के नीचे इतना बड़ा मंदिर हो सकता है।
इलाहाबाद में हनुमान मंदिर के साथ ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आश्रम का काफी हिस्सा भी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है और यहां बाहरी हिस्से को छोड़कर लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।
यहां गंगा और यमुना के साथ ही टोंस और ससुर खदेरी जैसी नदियां भी उफान पर हैं। हालांकि गंगा और यमुना का जलस्तर देर रात से आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से ही बढ़ रहा है। लेकिन अभी भी पानी कम नहीं हो रहा है। बाढ़ की चपेट में आए 15 हजार से ज़्यादा लोगों राहत शिविरों में हैं, जबकि 65 हजार परिवारों के साढ़े पांच लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं।
शहर में सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके
दारागंज, सलोरी, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, राजपुर, करेली, गॉस नगर, करेलाबाग, गोविंदपुर, रसूलाबाद, शिवकुटी, अरैल, झूंसी, फाफामऊ, गंगा नगर, अशोक नगर, बेली गाँव, शंकर घाट, नीवां, बलुआघाट, नैनी आदि हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित ग्रामीण इलाकों यमुनापार बारा, करछना, मेजा, मांडा, शंकरगढ़, घूरपुर, कौंधियारा, लालापुर आदि शामिल हैं। बाढ़ से प्रभावित इलाको से लोग पलायन करने को मजबूर हैं।