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उत्तर प्रदेश

BSP को तोडऩे वाली BJP को क्या अपनों पर भरोसा नहीं! तोड़फोड़ से बिहार में हो चुका है नुकसान

BSP को तोडऩे वाली BJP को क्या अपनों पर भरोसा नहीं! तोड़फोड़ से बिहार में हो चुका है नुकसान
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वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा नेताओं को तोड़कर अपने पाले में करने पर भले ही बीजेपी को फायदा मिला हो, अगर बीजेपी इन नेताओं को टिकट नहीं देती है तो पार्टी में बगावत होना तय माना जा रहा है। इतना ही नहीं दलबदलुओं के लगातार बढ़ रहे काफिले से बीजेपी के अंदर बेचैनी शुरू हो गई है। किसी को अपनी सीट जाने का डर सता रहा है, तो कोई इसे अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में इसे दूसरों की दखलअंदाजी के रूप में ले रहा है। वहीं, पार्टी के अंदर दलबदलू नेताओं की उपेक्षा भी शुरू हो गई है। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता इस मसले पर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।
अपनों पर भरोसा नहीं!
आगामी चुनाव से पहले बीएसपी को सबसे अधिक बीजेपी ने ही तोड़ा है। जो नेता बीएसपी से टूट कर आये हैं उन्हें टिकट मिले या ना मिले बीजेपी में बगावत होना तय है। बीजेपी के कई नेता इस दलबदल को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। हालांकि नाम न छापने की शर्त पर इन नेताओं का कहना है कि लगता है पार्टी को अपने नेताओं पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए दूसरे दलों के नेताओं को तोडऩे का काम चल रहा है। बीएसपी के नेता जब भी बीजेपी में आते हैं उनका अपना भी लालच होता है। यूपी चुनाव में टिकट मिलने की संभावना रहती है और वह बदले में बताना चाहते हैं कि बीएसपी की स्थिति ठीक नहीं है वहां पर टिकट बिकता है।
बिहार में हो चुका है नुकसान
बीजेपी ने बिहार चुनाव के दौरान विरोधियों को तोडऩे का अभियान चलाया था। उस दौरान विरोधी दलों के कई नेता बीजेपी खेमे में आए। इस वजह से बीजेपी के कई स्थानीय नेता अपनी ही पार्टी के विरोध में खड़े हो गए। कई नेताओं ने परोक्ष रूप से विरोधी दलों की जीत सुनिश्चित की। इस कारण बिहार में बीजेपी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी के कई नेताओं को डर है कि यूपी में भी कहीं इस दलबदल की वजह से बीजेपी पूरी तरह से दलदल में न चली जाए।
सेवा के बाद भी नहीं मिलता मेवा
बीजेपी में कई साल से पार्टी का झंडा उठाने वालों को इस साल चुनाव में मौका मिलने की उम्मीद कम है। इसकी मुख्य वजह है कि बीजेपी मेें अन्य पार्टी के लोगों ने जगह बना ली है, ऐसे लोगों ने पार्टी छोड़ी है तो वह बीजेपी से इसका फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
RSS कैडर पर सवालिया निशान
RSS का अपना जमीनी कैडर है और वह चुनाव में बीजेपी के पक्ष में मतदान करता है। यूपी चुनाव में जिस तरह से RSS विरोधी बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या व अन्य लोगों को भगवाकरण किया गया है उससे RSS कैडर पर सवालिया निशान लग गया है क्या RSS के पास ऐसे कैडर नहीं बचे हैं जो बीजेपी को यूपी चुनाव जीता सके। बीजेपी फिलहाल दूसरी पार्टी को तोडऩे वालों के लिए रेड कारपोट बिछा रही है जो निश्चित ही बीजेपी के लिए बड़ी बगावत की वजह बनेगा।
साक्षी महाराज ने जताई नाराजगी
पार्टी के अंदर दलबदलू नेताओं की उपेक्षा भी शुरू हो गई है। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता इस मसले पर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहा है। लेकिन बीएसपी के ब्राह्मण फेस रहे ब्रजेश पाठक को बीजेपी में शामिल कराने के खिलाफ उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने अपनी आवाज जरूर बुलंद की है। साक्षी महाराज ने कहा कि बीजेपी में कलराज मिश्र, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी जैसे कई ब्राह्मण फेस हैं। ऐसे में पार्टी को ब्रजेश ही दिखाई पड़े तो हम क्या कर सकते हैं। साक्षी महाराज के मुताबिक इससे पार्टी का कम और व्यक्ति का फायदा ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि मैंने जिस व्यक्ति को 2014 में लोकसभा चुनाव में उन्नाव से हराया, उसको पार्टी में लाने से पहले मुझसे राय नहीं ली गई। अगर मुझसे पूछा जाता तो मैं पार्टी को समझता, ग्राउंड रियलिटी से वाकिफ कराता। साक्षी महाराज इस मसले को पार्टी फोरम में उठाने की बात कह रहे हैं।
कार्यकर्ता नहीं दे रहे भाव
दलबदल कर बीजेपी में आए नेताओं के प्रति उपेक्षा का भाव कार्यकर्ताओं में साफ दिख रहा है। मेरठ में मंगलवार को बसपा से बीजेपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम था। लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने उनसे दूरी बनाए रखी। निचले स्तर पर कार्यकर्ता भी मौर्य के कार्यक्रम में नदारद रहे। इतना ही नहीं मौर्य के खिलाफ मुजफ्फरनगर के खतौली में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकत्र्ताओं ने पुतला तक फूंक डाला और मुर्दाबाद के नारे लगाए।
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