बाढ़ से बेहाल इलाहाबाद, 1 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं गंगा-यमुना

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. करैली के जीटीवी नगर की बात की जाए तो यहां दर्जनों मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं. पानी से घिरे लोगों के लिए एक-एक सेकेंड भारी पड़ रहा है.
यमुना के तट पर बसे गौसनगर इलाके में हालात हद से ज्यादा बदतर है. बता दें कि यहां मकानों के नीचे का ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह डूब चुका है. आलम यह है कि अब मकानों की पहली मंजिल पर भी पानी पहुंचने लगा है. इसके अलावा बिजली-पानी और टेलीकाम्युनिकेशन की सारी सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो चुकी हैं. इस कारण लोगों का सबसे संपर्क टूट गया है.
प्रशासनिक दावा है कि लोगों को लाने-ले-जाने के लिए पर्याप्त छोटी-छोटी नावों का इंतजाम किया गया है. जबकि यहां रहने वाले बाढ़ पीड़ित नदीम अली की माने तो कई-कई घंटे इंतजार करने के बाद भी कहीं से उन तक नाव की सुविधा नहीं पहुंच पा रही है. राहत के नाम पर प्रशासनिक तैयारियां ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं. राहत कैंपों के दावे भी झूठे साबित हो रहे हैं.
इधर एक दूसरे बाढ़ पीड़ित इमरान खान की शिकायत है कि प्रशासन की ओर से कभी भी बाढ़ पीड़ितों के लिए राशन, नाव, टॉर्च या दूसरी कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है.
गंगा-यमुना दोनों ही नदियां पिछले चार दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. आलम यह है कि अब ये 1 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं.