बुलंदशहर पुलिस लाइन में साथी की जान लेकर सिपाही ने खुद को गोली से उड़ाया

बुलंदशहर : (जाहिद अली खान )पुलिस लाइन में सोमवार देर रात क्वार्टर गार्ड पर तैनात सिपाही ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर तीन पुलिसकर्मियों को गोली मार दी। एक सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल दो पुलिसकर्मियों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इसके बाद हमलावर सिपाही ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। घायल दोनों सिपाहियों को मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां देर रात तक आपरेशन जारी था। घटना की सूचना पाकर आईजी जोन सुजीत पांडेय यहां पहुंच गए। शासन ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
वर्ष 2005 में खेल कोटे से भर्ती सिपाही सौरभ त्यागी (30 वर्ष) निवासी मुजफ्फरनगर की ड्यूटी सोमवार शाम को क्वार्टर गार्ड पर लगाई गई थी। रात करीब 8.45 बजे सौरभ त्यागी ने ड्यूटी स्थल से ही राइफल से गणना कार्यालय में बैठे सिपाही मनोज यादव (35 वर्ष) निवासी एटा को गोली मार दी। गणना कार्यालय के बाहर से एचसीपी मनवीर(45 वर्ष) और एक अन्य एचसीपी गुजर रहे थे। गोली चलते ही मनवीर और दूसरे ने शोर मचाया तो सिपाही सौरभ त्यागी ने उन पर भी गोलियां बरसा दीं। ताबड़तोड़ फायरिंग से पुलिस लाइन में मौजूद पुलिसकर्मी एवं अधिकारी घटनास्थल की ओर दौड़ लिए। इस पर आरोपी सौरभ त्यागी पुलिस लाइन के मैदान में पहुंच गया और उसने वहीं से राइफल तानकर किसी को पास आने पर गोली मारने की धमकी दी। सूचना पर एसएसपी अनीस अहमद, एसपी सिटी मान सिंह चौहान और एसपी देहात पंकज कुमार पाण्डेय भी पुलिस लाइन पहुंच गए। तीनों घायल पुलिसकर्मियों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने सिपाही मनोज यादव को मृत घोषित कर दिया, जबकि दोनों एचसीपी मनवीर और दूसरे को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। उधर पुलिस लाइन में पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिसकर्मियों को चारों तरफ से घेराबंदी करते देखकर हमलावर सौरभ त्यागी ने खुद को गोली मार ली। उसे भी तत्काल ही जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सिपाही सौरभ त्यागी ने सरकारी राइफल से फायरिंग की है, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। चिकित्सकों ने एक की मौत की पुष्टि कर दी है। दो पुलिसकर्मियों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। बाद में आरोपी सौरभ त्यागी ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
अनीस अहमद अंसारी, एसएसपी
आरोपी सिपाही सौरभ त्यागी खेल कोटे से भर्ती हुआ था। पता चला है कि घटना से पहले वह साथी सिपाहियों से कह रहा था कि वह मिल्खा सिंह नहीं बन सका। ओलंपिक में भी नहीं जा सका। उसने अपनी पत्नी से भी फोन पर ऐसी ही बातें कीं। संभवत: इसी हताशा में उसने ऐसा कदम उठाया है। विस्तृत जांच की जा रही है।
सुजीत पांडेय, आईजी जोन मेरठ