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उत्तर प्रदेश

चुनाव से पहले स्मारक घोटाला मामले में होगी बड़ी कार्रवाई

चुनाव से पहले स्मारक घोटाला मामले में होगी बड़ी कार्रवाई
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लखनऊ : प्रदेश में स्मारक घोटाले के भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के वादे के साथ सत्ता में आयी सपा सरकार अब जवाबदेही के मुकाम पर खड़ी है।

दरअसल, इस घोटाले की जांच अभी तक नतीजे पर नहीं पहुंची है जबकि भाजपा लगातार इस मामले पर प्रदेश सरकार को घेर रही है। संकेत हैं कि चुनाव से पहले स्मारक घोटाले में बड़ी कार्रवाई होगी। इसी कारण अब तक ठंडे बस्ते में पड़ी फाइलों को बाहर निकाला जा रहा है।

बसपा के शासनकाल में नोएडा और लखनऊ में स्मारक निर्माण के 14 अरब के घोटाले में एक जनवरी 2014 को लखनऊ के गोमतीनगर थाना में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 अधिकारियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज है। ढाई वर्ष से ज्यादा अवधि बीतने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

2012 से पहले अखिलेश यादव जब साइकिल यात्रा पर निकले थे तब उनकी सभाओं में यही घोटाला सबसे अहम मुद्दा होता था। घोटाले में बड़ों पर मुकदमा दर्ज हुआ तो यह संदेश गया कि अब कार्रवाई होगी लेकिन पूछताछ की धीमी गति और बदलते सियासी संबंधों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

असल में घोटाले के एक प्रमुख आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा से सपा की नजदीकियां बढ़ गयी। अब जबकि भाजपा ने इसको मुद्दा बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक सभी बड़े नेता यह बात दोहराने लगे हैं कि सपा और बसपा की आपस में मिलीभगत है। ऐसे आरोपों के चलते ऐन चुनाव के मौके पर सरकार की दुश्वारी भी बढ़ गयी है।

खबर है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घोटाले की जांच की प्रगति पूछकर अफसरों को सक्रिय कर दिया है। घोटाले में 19 नामजद आरोपियों के अलावा लोकायुक्त ने रिपोर्ट में तीन आइएएस समेत 199 लोगों को चिन्हित किया था।

बहुत जल्द दिखेगा नतीजा

महानिदेशक सतर्कता अधिष्ठान भानु प्रताप सिंह ने बताया कि जांच पूरी निष्पक्षता से चल रही है। इसमें बहुत प्रगति हो चुकी है। दो सौ से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। सरकार भी इसकी निरंतर मानीटरिंग कर रही है। इसमें बहुत जल्द ही नतीजा दिखेगा।

बुआ-भतीजे की मिली भगत

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घोटालेबाजों को जेल भेजने का दम भरते थे लेकिन साढ़े चार वर्ष में कुछ भी नहीं कर सके। सपा और बसपा की मिली भगत का इससे बड़ा नमूना कोई और नहीं हो सकता है। बुआ और भतीजे की मिली भगत अब आम जनता भी समझ रही है। भाजपा की सरकार बनेगी तो भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाएगा।
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