मानसून सत्र में सरकार को घेरेगी बसपा

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त को शुरू होगा. यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का इल्जाम विपक्ष हमेशा से लगाता ही रहा है. इस बार इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी सपा सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर चुकी है.
बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला हो या दलित उत्पीड़न का मामला हो या फिर मथुरा का जवाहरबाग कांड सभी मुद्दों पर बसपा सपा को दोनों सदनों में घेरेगी. इसके साथ ही बसपा समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र पत्र पर भी उसे घेरने की रणनीति तैयार कर चुकी है. इधर अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, अहमद हसन और आज़म खां सरकार की ओर से विपक्षियों को करारा जवाब देने की तैयारी कर चुके हैं.
सरकार ने सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिये सर्वदलीय और कार्य मंत्रीमण्डल समिति की बैठक की. इसमें सरकार ने विपक्षी दलों से सदन चलाने के लिए सहयोग माँगा लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा को सदन में घेरने का ऐलान कर दिया है. यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर काफी हल्ला मचा हुआ है. पहले मथुरा के जवाहरबाग में हुई हिंसा से सरकार की किरकरी हुई तो बाद में बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. इन मुद्दों के अलावा बसपा बिजली, गन्ना किसान और सपा को उसी के घोषणा पत्र पर घेरने की तैयारी कर चुकी है.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए यह साफ़ कर दिया कि इस बार सरकार के लिये सदन चलाना आसान नहीं होगा.
सदन में अब तक बसपा की तरफ से पार्टी के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य कमान संभाला करते थे. यह पहली बार होगा कि बसपा को स्वामी प्रसाद मौर्या के बिना सदन में अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी. बसपा सुप्रीमो ने इस बार गयाचरण दिनकर पर भरोसा किया है. उनकी अगुवाई में इस बार बसपा अखिलेश सरकार पर हल्ला बोलेगी. गयाचरण दिनकर का कहना है कि सरकार उप्र में कानून व्यवस्था पर बुरी तरह से फेल साबित हुई है. इसका जवाब सरकार को सदन में देना ही पड़ेगा. पार्टी कानून व्यवस्था के अलावा दलित उत्पीड़न, किसानों की समस्याओं को भी सदन में उठाएगी.
स्वामी प्रसाद मौर्य की सदस्यता को लेकर की गयी अपील में 23 अगस्त को स्वामी को सदन से अभय दान मिलता है तो स्वामी इस बार बसपा की जगह भाजपा के खेमे से सरकार को घेरेंगे. दरअसल दल बदल को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की सदस्यता को ख़त्म करने को लेकर बसपा ने याचिका दाखिल की है जिसकी सुनवाई 23 अगस्त को होनी है. इसी दिन स्वामी का भाग्य का फैसला भी होगा.
22 अगस्त को शुरू होने वाले इस मानसूत्र सत्र में अखिलेश सरकार अनुपूरक बजट के अलावा कई अन्य विधेयक भी पेश करेगी. पूर्व मुख्यमंत्रियों और सरकारी आवासों को लेकर बनी अनिश्चितता पर सरकार अलग से एक विधेयक पेश करेगी. इस विधेयक के प्रस्ताव को कैबिनेट पहले ही मंजूर कर चुकी है.
बसपा सपा से उनके 2012 के चुनावी घोषणा पत्र पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करेगी.