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उत्तर प्रदेश

भर्ती घोटाले पर आजम बोले, जब चाहें हथकड़ी डालकर ले जाएं

भर्ती घोटाले पर आजम बोले, जब चाहें हथकड़ी डालकर ले जाएं
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जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी की ओर से लखनऊ में दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर पूर्व मंत्री आजम खां ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब हमारे जैसे व्यक्ति के गिरेबान पर हाथ डाला जा सकता है, तो फिर कोई गिरेबान बचेगा ही नहीं। अब तो दो ही लोग ईमानदार रह गए एक मोदी जी और दूसरे योगी जी।
आजम ने कहा कि भर्ती का हमसे कोई मतलब ही नहीं है, क्योंकि भर्ती के लिए कानूनन जल निगम का एमडी ही अधिकृत होता है। वही परीक्षा लेता है। किसी कंपनी ने परीक्षा कराई थी। सुना यह है कि किसी फाइल पर हमारे दस्तखत करा लिए हैं, लेकिन हमने उस पर सहमत लिखा है अनुमोदित नहीं लिखा है।
किसी भी भर्ती के विज्ञापन, परीक्षा, तैनाती के लिए मंत्री या चेयरमैन से कोई मतलब ही नहीं होता है, यह जल निगम का नियम है। यदि कहीं हस्ताक्षर हैं तो मेरे हस्ताक्षर गैर कानूनी हैं। इसका मतलब यह हुआ कि यदि मेरे पास हस्ताक्षर के लिए कोई आया तो उसकी यह मंशा थी कि उसने अपने आप को बचाने के लिए ऐसा किया हो। जब हम अधिकृत ही नहीं हैं, तो हमारे ऊपर कोई चार्ज बनता ही नहीं है।
कहा कि हमने कई हजार नौकरियां दी हैं। हमसे सिर्फ एक गलती हो गई कि हमने अपने आप को सेक्यूलर साबित करने के लिए कुछ नहीं किया। मेरिट में दो चार मुसलमान बच्चे आ गए थे, जिन्हें काटा नहीं जा सकता। दो चार मुसलमानों को रोजगार मिल गया हमसे यह खता हो गई है। उसमें 98 फीसद बच्चे हिंदू हैं, उनका अहित नहीं होना चाहिए। कानूनी पहलू यह है कि बच्चे हाईकोर्ट से मुकदमा जीते। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, वहां उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद बच्चों ने हाईकोर्ट में अवमानना दाखिल की, जिसमें हाईकोर्ट ने चार हफ्ते में बच्चों को ज्वाइनिंग कराने के आदेश दिए हैं। जब यह ठीक है तो फिर हम कहां गलत हैं। अब इसकी जो भी सजा होगी हम भुगतेंगे। जब चाहें आएं और हथकड़ी डालकर ले जाएं।
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