मुजफ्फरनगर के फुरकान एनकाउंटर पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
BY Anonymous18 April 2018 10:50 AM GMT

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Anonymous18 April 2018 10:50 AM GMT
मुजफ्फरनगर में हुए कथित फर्जी एनकाउंटर के आरोपी एसटीएफ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने एसएसपी और सीजेएम मुजफ्फरनगर को एनकाउंटर में शामिल पुलिस और एसटीएफ के 16 कर्मियों को नोटिस तामील कराने का भी आदेश दिया है. मामले की सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना पुलिस और एसटीएफ ने 22 अक्टूबर 2017 को फुरकान का एनकाउंटर कर दिया था. पुलिस ने फुरकान के पिता को इसकी कोई जानकारी नहीं दी. फुरकान के पिता मीर हसन कई दिनों तक बुढ़ाना पुलिस स्टेशन से लेकर एसएसपी दफ्तर का चक्कर लगाता रहा. जिसके बाद पुलिस ने फुरकान का शव उन्हें सौंपा था. फुरकान के साथ ही पुलिस ने दो अन्य युवकों अनीस और राहुल को भी एनकाउंटर में पैर में गोली मारी थी, जो मुजफ्फरनगर जेल में बन्द हैं.
पुलिस ने बाजार से उठाया था फुरकान को!
फुरकान के पिता ने जब जेल में बन्द दोनों युवकों से मुलाकात की तो उन्हें जानकारी हुई कि फुरकान पत्नी के साथ बाजार में खरीददारी करने गया था. जहां से पुलिस उसे उठा कर ले गई और फर्जी एनकाउंटर में उसे मार दिया. पीड़ित पिता ने पहले डीजीपी से लेकर मानवाधिकार आयोग में पत्रचार किया. लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर 19 दिसम्बर 2017 को सीजेएम मुजफ्फरनगर की अदालत में अर्जी दाखिल कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की. 16 जनवरी 2018 को सीजेएम कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी.
क्या पुलिस के पास कोई लाइसेन्स है कि वह किसी को गोली मार दे: कोर्ट
याची मीर हसन ने सीजेएम कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल कर याचिका में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है. मामले की सुनाई के दौरान कोर्ट को जानकारी दी गई की एनकाउंटर में मारा गया फुरकान एक अपराधी था और उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या पुलिस के पास कोई लाइसेन्स है कि वह किसी को गोली मार दे. जस्टिस जेजे मुनीर की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है.
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