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उत्तर प्रदेश

गठबंधन की आहट से सपा टिकट दावेदार बेचैन

गठबंधन की आहट से सपा टिकट दावेदार बेचैन
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लखनऊ : सपा बसपा गठबंधन की बात सामने आने के बाद सपा में टिकट के दावेदारों में बेचैनी बढ़ गई है। अभी यह साफ नहीं है कि लोकसभा चुनाव में सीटिंग सीट छोड़कर सपा के हिस्से में कौन सी सीटें आएंगी। इसलिए दावेदारों में ऊहापोह के साथ डर भी है कि उनके प्रभाव व तैयारी वाली सीट बसपा के खाते में न चली जाए। असल में गठबंधन कर चुनाव लड़ने के फैसले से पहले सपा अकेले सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी। इसके लिए उसने हर सीटे से आवेदन मांगे थे। तमाम पूर्व सांसदों व पूर्व विधायकों व अन्य नेताओं ने अपने प्रभाव वाली सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सपा के केंद्रीय नेतृत्व को आवेदन भेजा था।

सूत्रों के मुताबिक इन सीटों पर 600 से ज्यादा आवेदन पत्र आए थे। एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार हैं। सपा की पांच सीटिंग सीटें तो मुलायम परिवार के पास ही हैं। इसके अलावा हर सीट पर दावेदारों की तादाद काफी है। कौन सीट बसपा के खाते में जाएगी, यह साफ नहीं है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक सीटों का बंटवारे को लेकर स्थिति जल्द साफ होना दोनों दलों के लिए उचित होगा। सीटों का बटवारे में फामरूला :पिछले लोकसभा चुनाव में सपा को पांच सीटें मिलीं और 31 सीटों पर नंबर दो पर रही जबकि बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन 34 सीटों पर नंबर दो पर रही। बाकी सीटों पर यह दोनों दल कहीं तीसरे तो कहीं चौथे स्थान पर रहे। अभी यह साफ नहीं है कि इस गठबंधन में कांग्रेस , रालोद व अन्य छोटे दल आते हैं या नहीं।

अखिलेश यादव ने कन्नौज की सीटिंग सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। वर्तमान में कन्नौज में ¨डिंपल यादव सांसद हैं। पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव संभल से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। हाल ही में उन्होंने संभल की रैली में यह बात कही। फिरोजाबाद से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद हैं और दुबारा इसी सीट से लड़ने की तैयारी में हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस बार आजमगढ़ की बजाए अपने पुराने गढ़ मैनपुरी से ही चुनाव लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि मैनपुरी से मौजूदा सांसद तेज प्रताप अपने लिए मजबूत सीट की तलाश में हैं।

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