LIVE: SC ने कहा- कानून के खिलाफ नहीं, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए

SC-ST एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। अटॉर्नी जनरल की जिरह सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम कानून के खिलाफ नहीं है लेकिन चाहते हैं कि निर्दोषों को सजा नहीं मिले। SC-ST एक्ट पर SupremeCourt की टिप्पणी, कहा हम SC-ST एक्ट के खिलाफ नहीं, इस एक्ट के जरिए बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए, चिंता एक्ट के दुरूपयोग को लेकर है, जो लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने हमारा फैसला तक नहीं पढ़ा, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से पहले शिकायत की पड़ताल कर ली जाए तो इसमें क्या दिक्कत है ।
फिलहाल मामले की सुनवाई जारी है।
एससी-एसटी एक्ट में आए फैसले पर केंद्र सरकार ने समीक्षा याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि देश में तनाव के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को एससी/एसटी एक्ट पर हाल ही में दिए गए सुप्रीम कोर्ट निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, लेकिन सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।
केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका में 20 मार्च को आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में कानून के कई कड़े प्रावधानों को कम करने के कारण देश की बड़ी एससी/एसटी आबादी के प्रभावित होने की बात कही थी। साथ ही इसे उत्पीड़न की रोकथाम के लिए 1989 में बने अधिनियम में दिखने वाली संसदीय नीति के भी विपरीत बताया था।
सरकार ने इस मामले में खुली अदालत में सुनवाई की आवश्यकता जताते हुए वर्तमान मुद्दे पर मौखिक बहस को कोर्ट की सहायता के लिए जरूरी बताया था। तमाम प्रगति के बावजूद दलितों की स्थिति अब भी कमजोर होने की बात भी कही थी।
सरकार के अलावा भी एससी/एसटी संगठनों की अखिल भारतीय समिति ने अपनी इस याचिका में सोमवार को पूरे देश में बड़े पैमाने पर इस मुद्दे के कारण हिंसा होने की बात कहते हुए तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था, लेकिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूडृ की पीठ ने याचिका को तत्काल सुनने की आवश्यकता नहीं होने की बात कहकर इसकी प्रक्रिया के तहत ही सुनवाई की बात कही थी।




