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उत्तर प्रदेश

सपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने जा रही, नई कार्यकारिणी जल्द

सपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने जा रही,  नई कार्यकारिणी जल्द
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लखनऊ : उपचुनाव व राज्यसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी अब पूरी तरह लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने जा रही है। पार्टी पहले यूपी प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी घोषित करेगी। इसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन का काम शुरू होगा। मैनपुरी, आजमगढ़, कन्नौज, फिरोजाबाद व बदायूं लोकसभा सीटें तो सपा सरंक्षक मुलायम व उनके परिवार के दूसरे सदस्यों के पास हैं। बाकी 75 लोकसभा सीटों के लिए पांच सौ से ज्यादा दावेदारों के आवेदन आ चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या में पूर्व विधायक, पूर्व सांसद के अलावा पहली बार चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की भी खासी तादाद है।

हर सीट पर तीन से चार उम्मीदवारों का पैनल बनेगा। इसी में पार्टी जातीय समीकरण, जीत सकने का दमखम व स्थानीय समीकरणों को ध्यान में कर अंतिम तौर पर टिकट फाइनल करेगी। पार्टी मुखिया अखिलेश यादव चाहते हैं कि हर हाल में अप्रैल तक प्रत्याशी तय कर लिए जाएं। जिससे उन्हें क्षेत्र में जनता के बीच पैठ बनाने, प्रतिद्वंदी की ताकत व कमजोरी भांपने व जीत की रणनीति बनाने का पर्याप्त मौका मिल पाए।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक विधानसभा चुनाव में भीतरी रार, विवाद व उहापोह के चलते सपा को ऐन वक्त पर प्रत्याशी घोषित करने पड़े। इस गलती से इस बार नेतृत्व बचना चाहता है। पहले से प्रचार करने के बाद जहां पार्टी के पक्ष में माहौल बनना शुरू होगा, तो वहीं आगे बसपा या कांग्रेस से तालमेल के हालात बनने पर ज्यादा सीटे खुद के खाते में रखने का आधार भी बनेगा। बदली रणनीति:सपा अब भाजपा के हंिदूू कार्ड के मद्देनजर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और ऐसी कोई बात कहने व करने से परहेज कर रही है जिससे बहुसंख्यक भावनाएं आहत हों। कब्रिस्तान व शमशान वाले मुद्दे को उछाल कर भाजपा ने पिछले चुनाव में सपा पर हमला किया था। सपा की कोशिश पिछड़ों को पूरी तरह अपने पक्ष में लामबंद करने की है तो बसपा से कई दलित नेताओं को शामिल कर उनका समर्थन भी पार्टी से जोड़ना चाहती है। सपा उत्साहित है कि निकाय चुनाव में उसने कई जगह भाजपा को टक्कर दी।

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