नरेश व रामगोपाल यादव की गैरहाजिरी से सवाल खड़े हो रहे

समाजवादी पार्टी में जया बच्चन एक बड़ी ताकत बनकर उभर रही हैं। राज्यसभा के चौथे कार्यकाल के लिए उन्हें प्रत्याशी चुने जाने से यह साफ जाहिर हो रहा है। डिंपल से नजदीकी:जया खुद भी अपने को पार्टी का वरिष्ठ नेता मानती हैं। वे राज्यसभा में सपा की मुखर आवाज बनेंगी और साथ ही अखिलेश की सपा में उनका कद भी बढ़ेगा। उनकी खुद की लोकप्रियता और सांसद ¨डीपल यादव से निकटता ने ही बाकी दावेदारों के मुकाबले उनका टिकट पक्का कराया।
खास बात यह है कि सपा के लिए एकमात्र सीट पर शुक्रवार को जया बच्चन के नामांकन के समय दूसरे सशक्त दावेदार किरनमय नंदा तो मौजूद थे लेकिन नरेश अग्रवाल नहीं पहुंचे। यही नहीं राज्यसभा में सपा के नेता और पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव भी नहीं दिखे। नरेश व रामगोपाल यादव की इस अहम मौके पर गैरहाजिरी से सवाल भी खड़े हो रहे हैं। असल में नरेश अग्रवाल रामगोपाल यादव के खासे करीबी माने जाते हैं। राज्यसभा में इन दोनों के बीच बेहतर तालमेल दिखता रहा है।




