बसपा के झंडे से साइकिल का प्रचार, कितना रहेगा असरदार?
BY Anonymous9 March 2018 8:10 AM GMT

X
Anonymous9 March 2018 8:10 AM GMT
फूलपुर उपचुनाव के आखिरी दिन गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल के समर्थन में एक विशाल रोड शो किया और जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं. बसपा के समर्थन के ऐलान के बाद सपा ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी है. हालांकि बसपा कैडर के वोट को सपा प्रत्याशी के पक्ष में करना अभी एक बड़ी चुनौती है. लिहाजा रोड शो और प्रचार के दौरान नेताओं की गाड़ियों पर समाजवादी पार्टी के झंडे के साथ-साथ बसपा का भी झंडा लहराता दिखा.
इतना ही नहीं सपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल अपने चुनाव प्रचार के दौरान गले सपा की जगह बसपा के नीले रंग के गमछे को डाले नजर आए. कोशिश साफ है कि हर कीमत पर बसपा कैडर के वोट बैंक को सफलतापूर्वक सपा के पक्ष में ट्रांसफर किया जा सके.
हालांकि सपा अपनी तरफ से बसपा के झंडे के साथ साइकिल का तो प्रचार कर रही है, लेकिन चुनावी मैदान में ये साथ देखने को नहीं मिल रहा है. सपा-बसपा के साथ के नाम पर दोनों ही पार्टी के झंडे एक साथ गाड़ियों में लगे दिख रहे हैं. इनमें भी सभी गाड़ियां समाजवादी पार्टी के नेता और प्रत्याशी की हैं. प्रचार के दौरान सपा कार्यकर्ता नारे भी लगा रहे हैं, "सपा-बसपा का हो गया मेल, जीत गए नागेन्द्र पटेल."
लेकिन बसपा के नेता व कार्यकर्ता सपा नेताओं के साथ प्रचार करते नहीं दिख रहे हैं. इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर भी बसपा का झंडा लगाया गया है. इसके साथ ही सपा प्रत्याशी के प्रचार वाहनों में भी बसपा का झंडा सपा के झंडे के साथ लहरा रहा है. सपा प्रत्याशी अपने पार्टी के झंडे के साथ ही बसपा का झंडा लगाकर लागातार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. हालांकि बसपा के समर्थन का सपा को कितना फायदा मिला इसका तो पता 14 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम से पता चलेगा, लेकिन नागेन्द्र सिंह पटेल का दावा है कि बसपा के लोग उनके समर्थन में प्रचार-प्रसार कर वोट मांग रहे हैं.
बसपा के इलाहाबाद जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक गौतम कहते हैं कि बहनजी (मायावती) के आदेश को कार्यकर्ताओं के बीच रखा गया है. कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं से सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. हालांकि गौतम के ये दावे जमीन पर नजर नहीं आ रहे. फिलहाल आखिरी दिन भी सपा ही बसपा के झंडे के साथ प्रचार करती दिख रही है.
Next Story




