आजम खां के खिलाफ दस मुकदमे दर्ज जमीन हड़पने का आरोप

जिलाधिकारी रामपुर ने पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ राजस्व परिषद में दस निगरानी वाद दायर कराए हैं। आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने दलितों की करीब 104 बीघे जमीन कलेक्टर की अनुमति के बगैर ही विश्वविद्यालय के नाम दर्ज करवाए हैं। शिकायतकर्ता ने इस मामले में पूर्व की सपा सरकार पर मिलीभगत के आरोप मढ़े हैं।
जिलाधिकारी रामपुर ने यह कार्यवाही लघु उद्योग भारती रामपुर के अध्यक्ष आकाश कुमार सक्सेना द्वारा इस मामले में आजम खां के खिलाफ मुख्यमंत्री से की गई शिकायत की जांच के पश्चात की। आकाश सक्सेना प्रदेश के पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र हैं। बुधवार को पत्रकारवार्ता कर आकाश सक्सेना ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी। बताया कि मंगलवार को डीएम रामपुर द्वारा राजस्व परिषद में 10 वाद दायर कराए गए ।
कलेक्टर की अनुमति के बगैर जमीन लिखाई गई: आकाश सक्सेना ने बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों की यह जमीन रामपुर जिले की तहसील सदर के ग्रामसभा सिंग्नखेड़ा में थी। 2007 में इनके नाम सीलिंग पट्टेदार के रूप में अंकित थे, राजस्व अभिलेखों में संक्रमणीय भूमिधर घोषित नहीं हुए थे। इनकी भूमि की खरीद में नियम विरुद्ध कार्य किया गया। एससी जाति के व्यक्ति के नाम पट्टा होने के कारण सामान्य श्रेणी के विश्वविद्यालय को भूमि नहीं बेची जा सकती थी। जमीन की खरीद फरोख्त में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 का उल्लंघन किया गया।




