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नीरव मोदी का कर्ज चुकाने से इनकार, कहा- बैंक ने बंद किए वसूली के रास्ते
BY Anonymous20 Feb 2018 1:17 AM GMT

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Anonymous20 Feb 2018 1:17 AM GMT
PNB घोटाले के सूत्रधार हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने बैंक का कर्ज चुकाने से इनकार कर दिया है। उसने बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर कहा है कि उसने मामले को तूल देकर ऋण वापसी के सभी रास्तों को बंद कर दिया है। साथ ही उसने दावा किया है कि बैंक के दावे के विपरीत उनकी देनदारी बहुत कम है।
नीरव ने 15/16 फरवरी को बैंक प्रबंधन को यह पत्र लिखा है। इसमें नीरव ने कहा, मेरी कंपनी पर बैंक की देनदारी 5000 करोड़ से कम है। लेकिन बैंक की ओर से बढ़ाचढ़ाकर कर देनदारी दिखाने की वजह से मीडिया का ध्यान आकर्षित हुआ। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई हुई जिससे फायरस्टार इंटरनेशनल और फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल की साख खराब की और परिवार की देनदारी देने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई। नीरव ने लिखा, मेरे 13 फरवरी के प्रस्ताव के बावजूद देनदारी वसूलने की जल्दबाजी और 15 फरवरी को सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा ने मरे ब्रांड और कारोबार को बर्बाद करके रख दिया है। इसलिए अब देनदानी वसूलना बैंक की क्षमता पर निर्भर हो गया है।
पुरानी बातचीत का दिया हवाला
पत्र में नीरव ने प्रतनिधियों और बैंक अधिकारियों के साथ हुई बातचीत का भी संदर्भ दिया है। उन्होंने बैंक से कहा, आप 11 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है और इसे आप भी जानते हैं। नीरव मोदी समूह की देनदारी कहीं कम है। बैंक की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बावजूद सदभावना के तहत मैंने फायरस्टार समूह या कीमती परिसंपत्तियों और यहां तक अन्य तीन कंपनियों की संपत्ति भी को बेचकर कर्ज चुकाने का प्रस्ताव किया।
खाते सील होने से बढ़ी समस्या
नीरव मोदी ने दावा किया कि उनकी घरेलू कारोबार का मूल्य 6500 करोड़ रुपये है। वह बैंक की देनदारी को कम करना चाहते थे। लेकिन सभी बैंकों खातों के सील होने और परिसंपत्तियों के कुर्क होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए।
कई साल कर्ज सुविधा की मियाद बढ़ाई
उन्होंने कहा, पीएनबी ने कई बार उनकी साझेदारी वाली तीनों कंपनियों की क्रेता कर्ज सुविधा की मियाद बढ़ाई। लेकिन कोई ऐसा साल नहीं हुआ, जब ये कंपनियां अपनी देनदारी से चूकी। पीएनबी के माध्यम से ही यह राशि भुगतान के लिए गई। फायरस्टार इंटरनेशनल और फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल कभी देनदारी से चूकी और बैंकों का पैसा सुरक्षित है।
सुलह सफाई का समय खत्म
पत्र में नीरव ने ईडी और सीबीआई की ओर से जब्त 5649 करोड़ की संपत्ति के बारे में कहा, उनकी कंपनियों और अन्य संपत्तियों से बैंक की देनदारी को चुकता किया जा सकता था। लेकिन अब उसका समय निकल चुका है। इसलिए वह पीएनबी से अनुरोध करते हैं कि वह इमानदारीपूर्वक इस राशि से अन्य बैंकों की देनदारी को भी चुकता करे।
मेरी पत्नी और भाई को फंसाया
नीरव के मुताबिक बैंक ने गलत तरीके से उनके भाई को फंसाया, जबकि उनकी इन कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं था। इसी प्रकार मेरी पत्नी का भी कारोबार के परिचालन में कोई भूमिका नहीं थी। इसके बावजूद उनका नाम उछाला गया। मेरे मामा को भी गलत तरीके से मुझसे जोड़ा गया, जबकि वह स्वतंत्र करोबारी हैं।
कर्मचारियों को वेतन देने का अनुरोध
हीरा कारोबारी ने कहा, वह हर परिस्थिति का सामना करने को तैयार हैं। लेकिन विनम्रता से निवेदन करते हैं कि बैंक कंपनी के 2200 कर्मचारियों का वेतन मेरे चालू खाते जारी करने की अनुमति दे।
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