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उत्तर प्रदेश

योगक्षेमं वहाम्यहम्

योगक्षेमं वहाम्यहम्
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ब्राह्मणों और यादवों पर कटाक्ष ऋषि परम्परा से चला आ रहा है, प्राचीन काल से चला आ रहा है, और यह भी एक ध्रुव सत्य है कि ब्राह्मणों का निकटवर्ती, समीपवर्ती, उदण्ड, यदि कोई चेला है तो वह अहीर ही है, ये अहीर, यादव या कि जाट भी अछूत होते है ऐसा मैं सोच नहीं पा रहा हूँ, यद्यपि 'अछूत' शब्द से, ये भी नहीं सोच पा रहा हूँ कि इस जगत के अदभुत देश भारत में छूने लायक जाति है कौन, जहाँ हर ऐरा गैरा से लेकर ऐरी गैरी तक का बात बात में बस एक ही तकियाकलाम होता है कि 'हिम्मत है तो छू के दिखा'। सोच तो मैं यह भी नहीं पा रहा हूँ कि मंदिर में जा कर अछूत होने के अपमान का दंश झेलते हुए दलित होने की अनुभूति केवल पेरियारों, अम्बेडकरों या रामदेवों को ही क्यों होती है जबकि भारत के किसी भी मंदिर में मुझसे आजतक, यह भी नहीं पूछा गया कि मैं नहा के भी आया हूँ कि नहीं।
योग ऋषि बाबा रामदेव का मैं बहुत सम्मान करता हूँ न केवल इसलिए कि वह अपने प्रबल पुरुषार्थ से 1996-2018 यानि 22 वर्षों के अथक परिश्रम से न केवल 12 से 15000 करोड़ रूपये के उद्योग के स्वामी बने, बल्कि इसलिए भी हृदय से सम्मान करता हूँ कि इनके हजारों शिविरों के अभ्यास के कारण भारत को एक अन्तर्राष्ट्रीय दिवस, योग दिवस भी मिला।
किन्तु इनको इसप्रकार के वामपंथी या मिशनरी शैली के षड्यंत्र की आवश्यकता क्यों आन पड़ी, अब यह मुझे समझ में आ रहा है।
योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज उत्तरप्रदेश में श्री मुलायाम सिंह यादव, बिहार में लालू प्रसाद यादव (श्री 'फ्री' इसलिए क्योंकि वह न्यायालय द्वारा अपराधी सिद्ध हो चुका है) के बिखरते जा रहे यादव वोट बैंक या कि हरियाणा, दिल्ली या पंजाब के छितराए जा रहे जाट वोट बैंक के अनिर्वाच्य, सर्वमान्य, निर्विवाद, सम्मानित नेता बन कर समस्त उत्तर भारत का एक नया राजनीति केन्द्र बन कर उभरने का इनका यह एक योजनाबद्ध प्रयास है मित्रों!
सूत्र वही पुराना रहेगा 'मुस्लिम-यादव' वाला, इसलिए यदि भविष्य में अयोध्या के राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के किसी सुरुचिकर निर्णय पर बाबा बवंडर देव के रूप में उभर कर सामने आ जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बाबा के ब्रांड को इस्लामी जगत में स्थापित होने का अवसर बनेगा, सूर्य नमस्कार तथा व्यवसाय अरब देशों तक बढ़ जाएगा और सरकारें समस्त उत्तर भारत में स्थापित हो जाएंगी।
प्राणायाम में अदभुत शक्ति है!

आलोक पाण्डेय
बलिया उत्तरप्रदेश
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