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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने की इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी की समीक्षा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने की इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी की समीक्षा
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लखनऊ - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 व 22 फरवरी को लखनऊ में होने वाली यूपी इन्वेस्टर्स समिट को लेकर बेहद गंभीर हैं। उत्तर प्रदेश में निवेश के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही इस समिट की उलटी गिनती शुरु हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज आयोजन स्थल इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा की। इस समीक्षा के दौरान योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के दर्जन भर से अधिक सदस्यों के साथ सभी आला अधिकारी मौजूद थे। नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के साथ मंत्री सुरेश राणा इस दौरान सभी अधिकारियों के साथ हर स्तर पर तैयारी की जानकारी लेते दिखे। इस दौरान स्वागत को तैयार रोबोट वहां पर आकर्षण का केंद्र बना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में हर स्तर पर तैयारी को परखा। उन्होंने इसका पूरा प्रेजेंटेशन देखने के साथ समिट में लगे हर अधिकारी से पल-पल की हर तैयारी का ब्यौरा भी लिया। अधिकारियों का दावा है कि इसमें लगभग एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की जमीन तैयार हो चुकी है।
लखनऊ में 21 और 22 फरवरी को यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर में होना है। इन्वेस्टर्स समिट के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। सरकार की कवायद यह है कि इस बार लखनऊ में होने जा रही यह बहुप्रतीक्षित समिट केवल रस्मी बनकर न रह जाए बल्कि समिट के बाद इसका ठोस नतीजा भी निकले जिसका लाभ उत्तर प्रदेश ही नहीं, हर मामले में पूरे देश को मिल सके।
लखनऊ में होने वाले आयोजन से पहले सरकार ने पूरे देश में माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। इसके लिए दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो भी हुआ। जिसमें 200 से अधिक उद्योगपतियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस रोड शो के दौरान उद्यमियों के सामने सरकार की नई औद्योगिक नीति, इसके तहत उद्यमियों को दी जाने वाली रियायत और सरकार की मंशा से अवगत कराते हुए उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया। उद्यमियों के साथ बैठक में आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, वित्त, ऊर्जा, सौर ऊर्जा के साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों से जुड़े उद्योगपतियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने में काफी कारगर साबित हो रहा है। अभी तक प्रदेश औद्योगिक रूप से काफी पिछड़ा माना जाता रहा है। इसकी कई वजह थी, लेकिन अब स्थितियां बदली हैं। योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनाने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में काफी ताकत लगा दी थी। वह इन्वेस्टर्स समिट 2018 के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करना चाहती थी। प्रदेश में 1200 एनकाउंटरों के बाद निवेशकों के मन से उत्तर प्रदेश के भययुक्त माहौल के डर को दूर करने का भरपूर प्रयास किया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। इसी क्रम में पहले नई औद्योगिक नीति लाई गई। फिर 13 कमर्शियल कोर्ट की स्थापना की घोषणा की गई। राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के गठन किया गया और अब विभिन्न राज्यों में रोड शो हुआ।
इस समिट में नीदरलैंड, जापान, चेक गणराज्य, फिनलैंड, स्लोवाकिया और मॉरीशस पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हो रहे हैं। 21 फरवरी को औद्योगिक विकास से संबंधित आठ सत्र और 22 फरवरी को निवेशकों के वार्तालाप सहित आठ सत्र आयोजित किए जाएंगे। समिट के पहले दिन के सत्रों के मुख्य विषय इस प्रकार रखे गए हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्री शिरकत करेंगे।
समिट को लेकर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी सक्रिय हैं। निवेश के लिए उन्होंने कई राज्यों का दौरा कर उन्होंने वहां की बारीकियों का अध्ययन किया। महाना गुजरात भी गए थे, जहां उन्होंने उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने लायक माहौल बनने का यकीन दिलाया गया है। सुरक्षा व उद्योग के लिए जरूरी सुविधाओं तक के प्रति आश्वस्त किया। उद्यमी उद्योग लगाएं, हम उन्हें सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में गुंडे किसी भी उद्यमी से न तो टैक्स ले सकते हैं, न ही कोई चंदा। सरकार उद्योग के बाहर और उद्यमियों के साथ गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेगी। महाना ने कहा कि औद्योगिक विकास स्लोगन से नहीं होता, इसके लिए उचित माहौल बनाना होता है। यह माहौल सरकार ने तैयार कर दिया है। बात सुविधाओं के सरलीकरण की हो या फिर सुरक्षा की, जो भी जरूरी है, सरकार वह हर कदम उठा रही है।
यूपी में इन्वेस्टर्स समिट के जरिए प्रदेश में निवेश आकर्षित करने में जुटी योगी सरकार ने शुक्रवार को 2018-19 के लिए 4,28,384.52 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए इसकी बुनियाद रख दी है। हरके माध्यम से सरकार ने निवेशकों में विश्वास जगाने की कोशिश की है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुनियादी ढांचे पर विकास के साथ निवेशकों में विश्वास जगाने केलिए विभिन्न निवेश प्रोत्साहन नीतियों के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ रुपये काइंतजाम किया है। इसके तहत उप्र औद्योगिक नीति 2012 को अमली जामा पहनाने केलिए 600 करोड़ रुपये और उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017 के तहत रियायतें देने के लिए 500 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है।
इन्वेस्टर्स समिट से पहले जिस तरह से उद्योग धंधों की स्थापना के लिए योजनाएं बनायी गई हैं उससे ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि ये सरकार उद्योगपतियों, नवउद्यमियों को बाधारहित, भयरहित माहौल देना चाहती है। इसके साथ ही शिक्षा के मद में ज्यादा धनराशि उपलब्ध कराकर यूपी को तरक्की की राह पर आगे बढऩे का सपना देखा गया है।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान को सजाने और संवारने का काम लखनऊ विकास प्राधिकरण कर रहा है। आईजीपी में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। राजधानी में पहली बार हो रही समिट में 5,000 से अधिक निवेशक शामिल होंगे। इनके अलावा एक हजार से अधिक स्पीकर आने हैं। वहीं, केंद्र और राज्य सरकार के अलावा अन्य दूसरे प्रदेशों के प्रमुख मुख्यमंत्री और राजेनता भी आयोजन में शामिल होंगे।
शहीद पथ कानपुर रोड से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान तक सड़क पर लगे स्ट्रीट लाइट पोल पर एलईडी स्ट्रिप लगाई जा रही है। सड़क किनारे खूबसूरत लैंड स्केपिंग विभूतिखंड में शहीद पथ के आसपास सर्विस रोड पर जगह-जगह घास के टीले भी बनाए गए हैं। शहीद पथ के दोनों तरफ सर्विस रोड के किनारे पेड़-पौधे लगाए गए हैं। विभूतिखंड में मेहमानों और वीआईपी के आने वाले रास्तों को गमलों से सजाया जाएगा। सभी को वॉल पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया जा रहा है।
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