फूल सी बच्ची को अपनों ने फेंका, ...बेटी होने की मिली सजा
BY Anonymous16 Feb 2018 1:00 PM GMT

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Anonymous16 Feb 2018 1:00 PM GMT
फिर एक बार राजधानी शर्मसार हुई...। एक नन्हीं सी जान, जिसे मिलनी चाहिए थी ममता की छांव, जिसे कलेजे से लगाकर माता-पिता, दादा-दादी को दुलारना चाहिए था, उन्हीं संगदिल अपनों ने उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया।
चिनहट में सड़क पर मिली महज दो दिन की इस नवजात की हालत गंभीर है, उसे फिलहाल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती करवाया गया है।
चिनहट इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि नवजात के बारे में जुग्गौर के रहने वाले युवक राकेश ने सूचना दी। वह रात करीब 11 बजे चिनहट से गुजर रहा था। उसे सड़क किनारे अखबार में कुछ लिपटा हुआ नजर आया।
राकेश को उत्सुकता हुई और उसने पास जाकर देखा। उसने पाया कि कागज में एक जीती-जागती नवजात पड़ी है। वह ज्यादा हिल-डुल नहीं रही थी, लेकिन राकेश ने पाया कि वह जीवित थी। ऐसे में उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात को कब्जे में लिया, साथ ही चाइल्ड लाइन को सूचित किया। चाइल्ड लाइन और पुलिस ने नवजात को राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया।
घंटों में खुले में पड़ी रही, इसलिए हालत नाजुक
संरक्षण मिलने से पहले दो दिन की फूल जैसी कोमल देह कई घंटे खुले और सर्दी में रही। चिकित्सकों के अनुसार उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। हालांकि उन्हाेंने आशा जताई है कि वह ठीक हो जाएगी। दूसरी ओर पुलिस के अनुसार उसके शरीर पर कोई जख्म नहीं मिला है, केवल खुले में रहने और नवजात उम्र की वजह से उसकी यह हालत हुई है।
राकेश को यह नवजात रात करीब 11 बजे मिली, पुलिस को आशंका है कि शाम के समय उसे लावारिस छोड़ा गया था। हालांकि पुलिस जांच कर रही है, लेकिन इस बात की उम्मीद कम है कि उसे लावारिस छोड़ने वालों का पता चल सकेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि बेटी होने की वजह से उसे इस तरह लावारिस छोड़ा गया है।
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