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उत्तर प्रदेश

संभल में ना मिला स्ट्रेचर, ना मिली एंबुलेंस, कंधे पर मामा ले गया भांजे का शव

संभल में ना मिला स्ट्रेचर, ना मिली एंबुलेंस, कंधे पर मामा ले गया भांजे का शव
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योगी सरकार की तमाम सख्ती के बाद भी अफसर अपने रवैये में बदलाव नहीं कर रहे हैं। बहजोई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी चिकित्सकों का अमानवीय चेहरा देखने को सामने आया जहां कुइयां में दबकर हुई मौत के बाद मृत व्यक्ति का शव घर ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। परिजन मजबूरी में शव को कंधे पर उठाकर अस्पताल से बाहर लाए और इसके बाद बाइक से घर ले गये।
प्रदेश की योगी सरकार में सबसे ज्यादा पैसा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करने का दावा किया जाता है। मुफ्त दवायें व एंबुलेंस देने की बात कही जाती है पर योगी के डाक्टर जिन्हें आम जन भगवान का दर्जा देते हैं। वह चिकित्सक संवेदनहीनता करते हैं।
ऐसा ही मामला बहजोई के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आया जिसमें सूरजपाल पुत्र चोखे लाल निवासी बच्चीखेड़ा अनूपशहर बहजोई के सादातबाड़ी गांव में कुइयां में सफाई करते हुए दब गया था। जब परिजनों ने एंबुलेंस को फोन किया तो एंबुलेंस की सेवा न मिलने पर बाइक से अस्पताल लाये जहां उसे अस्पताल से स्ट्रेचर नहीं मिला। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया तो परिजनों ने शव वाहन की मांग की, लेकिन चिकित्सकों ने अपने ही स्तर से शव ले जाने की बात कही और शीघ्र ही अस्पताल से जाने के लिए कह डाला। मजबूरी में मामा गोपीचन्द्र भांजे का शव कंधे पर रख बाइक पर शव को डालकर गांव ले गये।
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