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उत्तर प्रदेश

शासन के निर्देशों की सीओ सैफई निर्मल सिंह विष्ट उड़ा रहे धज्जियां, सैफई में आवास होते हुए भी रुकते है इटावा

शासन के निर्देशों की सीओ सैफई निर्मल सिंह विष्ट उड़ा रहे धज्जियां, सैफई में आवास होते हुए भी रुकते है इटावा
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इटावा आने जाने में लगभग 8 हजार रूपये प्रतिमाह का डीजल खर्च कर शासन को लगाया जा रहा चूना

सैफई में लाखों रुपया का बना सीओ आवास साफ सफाई के अभाव में खंडहर में होता जा रहा तब्दील
एक दिन बाहर करने जाते है वीआईपी ड्यूटी, दो दिन करते है आराम
छह सांसदों, एक विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री, रक्षामंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष के क्षेत्र की सुरक्षा भगवान भरोसे
सैफई ( इटावा) सैफई के क्षेत्राधिकारी निर्मल सिंह विष्ट के सेवानिवृत्त होने में सिर्फ 1 साल बचा है इसलिए शासन के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे है इनके सैफई ऑफिस में बैठने का कोई समय नही है पीड़ित इंतजार करते करते थक हारकर लौट जाते हैं।

सैफई में क्षेत्राधिकारी के रुकने के लिए तहसील परिसर में आवास है जिसमे पूर्व सीओ अरुण दीक्षित लगातार रुकते थे और रात्रि में हमराह के साथ गस्त भी करते थे उनके बाद आये सीओ एसएस ग्रोवर भी सैफई आवास में रुकते थे। उनके कौशाम्भी जनपद में तबादले के बाद अंजनी कुमार चतुर्वेदी को सैफई का नया क्षेत्राधिकारी बनाया गया वह भी सैफई रुकते थे और लगातार पीड़ितों की समस्या सुनते थे। उनके बाद मोहन सिंह भी लगातार सैफई में रुककर पीड़ितों से मिलते थे। लेकिन उनका तबादला भी सैफई से कर दिया गया इसके बाद नए सीओ निर्मल सिंह विष्ट ने चार्ज लिया और सैफई रुकने की बजाय इटावा रुकने लगे।

सैफई में बेहतर इंतजाम होते हुए भी सीओ का इटावा रुकना आमजनमानस की समझ मे नही आ रहा है सी को के इटावा रुकने से शासन को भी प्रतिमाह लगभग आठ हजार का चूना लगाया जा रहा हहै क्यो की सैफई से इटावा की दूरी एक तरफ से लगभग 22 किलोमीटर है आने जाने में लगभग 4 लीटर डीजल का रोज खर्च हो रहा है। और सैफई ने तहसील में बना लाखो रुपये का भवन खंडहर में तब्दील होता दिख रहा है। पिछले माह अखिलेश यादव के सैफई आगमन पर भी सीओ इटावा में रुके थे और पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा भगवान भरोसे रही।
सैफई के मुलायम सिंह यादव केंद्र में रक्षा मंत्री, कि कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है और उन्हें केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा प्राप्त है, सपा के राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव को भी खतरा है जिसके चलते उन्हें भी केंद्र सरकार द्वारा सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गयी है। इसी सैफई के धर्मेंद्र यादव बदायूं, तेजप्रताप यादव मैनपुरी, अक्षय यादव फीरोजाबाद, डिंपल यादव कन्नौज, और खुद मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से सांसद है। अखिलेश यादव वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। सैफई के अभिषेक यादव इटावा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

एक गांव से छह सांसद, एक विद्यायक, 2 पूर्व मुख्यमंत्री/रक्षामंत्री होते हुए भी सीओ सैफई निर्मल सिंह विष्ट इस क्षेत्र को वीआईपी नही मानते यही कारण है कि वह एक दो घण्टे कभी कभार ऑफिस में बैठकर इटावा भाग जाते है। अगर सैफई सर्किल क्षेत्र में गश्त की बात की जाए तो बेदपुरा, चौबिया, बसरेहर, सैफई के किसी भी कस्बा या गांव में आज तक सीओ की गाड़ी गस्त करने नही गयी।
मुख्यमंत्री योगी ने पूरे प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए गए है कि जनता में अपराधियों का भय दूर करने के लिए पैदल गश्त जरूर करें इस आदेश का पूरे प्रदेश में पालन किया जा रहा है लेकिन सीओ सैफई न ही पैदल गश्त करते है और न ही गाड़ी से।

सैफई में सीओ से मिलने आये फरियादी भी घण्टो इंतजार करने के बाद थकहार कर बापस लौट जाते है और उनकी मुलाकात सीओ से नही हो पाती है कह दिया जाता है बाहर है अब पीड़ित अपनी फरियाद लेकर कहाँ जाए।

इस मामले में जब क्षेत्राधिकारी से फोन किया तो रिसीव नही हुआ ऑफिस से जानकारी मिली कि साहब कानपुर में महामहिम राष्ट्रपति महोदय के प्रोग्राम में गए थे रात को लौटे हैं।

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