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उत्तर प्रदेश

संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी शामिल रहा हत्यारोपित टीटीई !

संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी शामिल रहा हत्यारोपित टीटीई !
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इलाहाबाद : छात्र दिलीप हत्याकांड का मुख्य आरोपित विजय शंकर सिंह का आपराधिक इतिहास पुलिस पता लगा रही है। एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि सूचना मिली है कि विजय शंकर 2005 में हंडिया में हुए संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी आरोपित रहा है। उस पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। वह सुल्तानपुर के पूर्व विधायक सोनू सिंह का करीबी व रिश्तेदार बताया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। वैसे संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में सभी आरोपित कोर्ट से बरी हो गए थे। पुलिस इस प्रकरण में सोनू सिंह से भी पूछताछ करेगी।
शुक्रवार को पहुंचा था विजय
पुलिस लाइन पहुंचे हत्यारोपित विजय शंकर का चालक रामदीन मौर्या ने बताया कि वह गाड़ी चलाने के साथ विजय के घर पर खाना बनाने का काम भी करता है। विजय शंकर की पत्नी सुल्तानपुर में टीचर हैं। वहीं उसके बच्चे शहर के मम्फोर्डगंज में रहते हैं। गाजीपुर से हर हफ्ते विजय शंकर इलाहाबाद आता था। उसके घर पर ज्ञान प्रकाश अवस्थी भी मिलने आता था। बीते शुक्रवार को विजय शंकर सिंह इलाहाबाद पहुंचा था। उसी रात तीनों लोग कालिका रेस्टोरेंट में भोजन करने गए थे।
पहले छात्रों ने किया हमला
रामदीन ने बताया कि रेस्टोरेंट में जाते वक्त सीढ़ी पर बैठे छात्र दिलीप सरोज से किसी का पैर छू गया था। इसको लेकर विवाद हुआ। लेकिन मामला सुलझने के बाद तीनों रेस्टोरेंट के अंदर चले गए। थोड़ी देर बाद दिलीप अपने आठ साथियों के साथ अंदर पहुंचा और कुर्सियों से हमला कर दिया। इस दौरान कुर्सी से हुए हमले में रामदीन जख्मी हो गया और उसके पैर में ज्यादा चोट आ गई।
फुटेज में लंगड़ाते हुए दिखा
सीसीटीवी फुटेज में भी दिख रहा है कि एक आदमी लंगड़ाता हुआ छात्र दिलीप को पीट रहा है। रेस्टोरेंट के बाद दिलीप को ईंट व डंडे से मारने वाला आरोपित रामदीन मौर्या ही है। आरोपित रामदीन मौर्या ने बताया कि पहले हमला करने वाले आरोपितों की उसने पिटाई की थी। लेकिन हमला उन्होंने पहले किया था।
रेलवे ठेकेदार की है लग्जरी कार
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल लग्जरी कार रेलवे ठेकेदार विक्रम सिंह के नाम से है। विक्रम सिंह टीटीई विजय शंकर सिंह का साथी है। उसी की गाड़ी लेकर विजय शंकर रेस्टोरेंट गया था। पुलिस ने लग्जरी कार के साथ ज्ञान प्रकाश को पकड़ा है। ज्ञान प्रकाश अवस्थी प्रिंटिंग प्रेस चलाता है।
विजय शंकर मुकदमा दर्ज कराने पहुंचा था थाने
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। रेस्टोरेंट में मारपीट के बाद विजय शंकर सिंह का चालक रामदीन के पैर में चोट लगी थी। विजय शंकर कार से रामदीन व ज्ञान प्रकाश को लेकर शहर के एक अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा। वहीं पर रामदीन का प्राथमिक उपचार हुआ। इसके बाद ज्ञान प्रकाश कार लेकर चला गया। विजय अपने एक मित्र की स्कूटी से जख्मी रामदीन को लेकर कर्नलगंज थाने पहुंचा था। उसके साथ हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी शामिल था। विजय शंकर चाह रहा था कि मारपीट का मुकदमा पहले वह दर्ज करा दे लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। कर्नलगंज पुलिस से यहीं बड़ी चूक हो गई। अगर पुलिस सक्रिय होती तो आरोपित कर्नलगंज थाने में ही गिरफ्तार हो जाते।
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