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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सहित 10 सदस्यों का विधान परिषद का ये अंतिम सत्र
BY Anonymous13 Feb 2018 1:04 AM GMT

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Anonymous13 Feb 2018 1:04 AM GMT
विधान परिषद में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और बसपा विधाधक दल के नेता सुनील कुमार चित्तौड़ सहित दस सदस्यों का यह अंतिम सत्र होगा। ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह और वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है लेकिन उनके फिर से चुने जाने की संभावना है।
विधानमंडल का मौजूदा बजट सत्र 16 मार्च तक चलेगा। विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों में से 12 का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है। इनमें सपा के 7, बसपा के 2, भाजपा के 2 और रालोद के एक सदस्य हैं। सपा के अखिलेश यादव, नरेश उत्तम पटेल, राजेन्द्र चौधरी, उमर अली खान, मधु गुप्ता, राम सकल गुर्जर और डॉ. विजय यादव का कार्यकाल खत्म हो जाएगा।
अभी परिषद में सपा के 61 सदस्य हैं। सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह उच्च सदन में बहुमत में रहेगी। अप्रैल के अंत में प्रस्तावित विधान परिषद चुनाव में भी सपा का एक सदस्य आसानी से चुना जाएगा। इस तरह सपा सदस्यों की तादाद 55 हो जाने का अनुमान है।
परिषद में राष्ट्रीय लोकदल के एक मात्र सदस्य मुश्ताक का कार्यकाल भी 5 मई को समाप्त होगा। इसके बाद यहां रालोद का कोई सदस्य नहीं रहेगा। बसपा नेता सुनील कुमार चित्तौड़ और विजय प्रताप सिंह का कार्यकाल भी 5 मई को समाप्त हो जाएगा। चित्तौड़ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बसपा का नया नेता तय होगा। बसपा की सदस्य संख्या 9 से घटकर 7 रह जाएगी। मगर बसपा शायद ही कोई विधान परिषद सदस्य जिता पाए। दूसरे दलों की मदद व जोड़तोड़ से वह एक सदस्य जिताने की कोशिश कर सकती है।
भाजपा को जुलाई 2021 में मिलेगा बहुमत
भाजपा को 100 सदस्यों वाले उच्च सदन में बहुमत के लिए अभी तीन वर्ष इंतजार करना होगा। उसके फिलहाल 13 सदस्य हैं। अप्रैल- मई में 12 सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह और वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा के दोबारा चुनकर आने की संभावना है। यदि भाजपा के 10 एमएलसी जीते तो उसकी सदस्य संख्या 23 हो जाएगी।
परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020, 12 सदस्यों का 30 जनवरी 2021 और 4 सदस्यों का कार्यकाल 5 जुलाई 2021 को समाप्त होगा। इस तरह भाजपा को जुलाई 2021 तक बहुमत मिल सकेगा।
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