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2019 चुनाव के लिए भाजपा की 507 सदस्यीय कार्यसमिति घोषित, देखे पूरी लिस्ट
BY Anonymous11 Feb 2018 3:01 AM GMT

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Anonymous11 Feb 2018 3:01 AM GMT
भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 507 सदस्यीय भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की तरफ से घोषित कार्यकारिणी में 39 प्रदेश पदाधिकारी और मोर्चा के अध्यक्ष व क्षेत्रीय अध्यक्ष शामिल हैं।
शनिवार रात जारी सूची में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा वरुण गांधी, उनकी मां मेनका गांधी, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर स्थायी आमंत्रित सदस्य कार्यसमिति में शामिल किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री उमा भारती और ज्यादातर सांसदों को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।
सूची में नए और पुरानों का संतुलन कायम करने की कोशिश की गई है। साथ ही दल बदलकर भाजपा में आने वाले कई लोगों को भी कार्यसमिति में जगह दी गई है। इनमें डॉ. अशोक वाजपेयी, डॉ. सरोजनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब शामिल हैं। पर, यशवंत सिंह और जयवीर सिंह कार्यसमिति में स्थान पाने में असफल रहे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार में शामिल ज्यादातर मंत्रियों को कार्यसमिति में शामिल किया गया है। मिशन 2019 को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन साधने की भी कोशिश की गई है।
कार्यसमिति में पदाधिकारियों को छोड़कर 49 महिलाएं शामिल हैं। प्रमुख चेहरों में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, डॉ. रमापति राम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही और डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी शामिल हैं। इनके अलावा लालजी टंडन, मुख्तार अब्बास नकवी, पूर्व संगठन मंत्री राम प्यारे पांडेय, जयप्रकाश चतुर्वेदी और हृदयनाथ सिंह, बृजेश पाठक, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी प्रमुख हैं। इसके अलावा कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर को भी कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है।
मोदी व योगी के क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व
पदाधिकारियों और स्थायी आमंत्रित सदस्यों को छोड़कर कार्यसमिति में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व मोदी और योगी के क्षेत्र काशी व गोरखपुर को मिला है। दोनों स्थानों को मिलाकर 161 लोगों को विशेष आमंत्रित और सामान्य सदस्य बनाया गया है। इनमें भी काशी के 97 लोग हैं। पश्चिम के 115 और मध्य उत्तर प्रदेश के 121 कार्यकर्ता विशेष आमंत्रित व सामान्य सदस्य बनाए गए हैं।
स्थायी आमंत्रित सदस्य
अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, मुख्तार अब्बास नकवी, संतोष गंगवार, मेनका गांधी, वीके सिंह, महेश शर्मा, निरंजन ज्योति, मनोज सिन्हा, कृष्णा राज, शिवप्रताप शुक्ला, सतपाल सिंह, हरदीप सिंह पुरी, विजय सोनकर शास्त्री, सुधांशु त्रिवेदी, लालजी टंडन, विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, लक्ष्मीकान्त बाजपेयी, शिव प्रकाश, अरुण सिंह, विनोद कुमार सोनकर, वीरेन्द्र सिंह मस्त।
विशेष आमंत्रित सदस्य
गोरखपुर के रामप्यारे पांडे, काशी के हृदयनाथ सिंह, लखनऊ/नई दिल्ली के शिवकुमार पारिख, काशी के जय प्रकाश चतुर्वेदी, लखनऊ के सत्यदेव सिंह। इसके अलावा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों सुरेश खन्ना, स्वामी प्रसाद मौर्य, सतीश महाना, राजेश अग्रवाल, रीता बहुगुणा जोशी, दारा सिंह चौहान, धर्मपाल सिंह, एसपी सिंह बघेल, सत्यदेव पचौरी, रमापति शास्त्री, जय प्रकाश सिंह, ब्रजेश पाठक, लक्ष्मीनारायण चौधरी, चेतन चौहान, श्रीकांत शर्मा, राजेन्द्र प्रताप मोती सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा, आशुतोष टंडन और नंद कुमार नंदी। इसी तरह राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल, सुरेश राणा, उपेन्द तिवारी, महेन्द्र सिंह, स्वतंत्रदेव सिंह, भूपेंद्र सिंह चौधरी, धर्मसिंह सैनी, अनिल राजभर व स्वाति सिंह। साथ ही विधायकों चंदौली से सुशील सिंह, साधना सिंह व शारदा प्रसाद तथा प्रतापगढ़ से धीरज ओझा।
ये हैं पदेन स्थायी सदस्य
मेरठ के राजेंद्र अग्रवाल (सांसद), जालौन के भानुप्रताप वर्मा (सांसद), महाराजगंज के पंकज चौधरी (सांसद), सीतापुर की अंजु बाला (सांसद), संतकबीरनगर के शरद त्रिपाठी (सांसद), बुलंदशहर के वीरेंद्र सिंह सिरोही, बिजनौर के लोकेंद्र सिंह, फिरोजाबाद के मनीष असीजा, फर्रूखाबाद के सुशील शाक्य, आगरा के योगेंद्र उपाध्याय, फतेहपुर की कृष्णा पासवान, महाराजगंज के बजरंग बहादुर सिंह, चित्रकूट के आरके पटेल, बरेली के डॉ. अरुण कुमार, बस्ती के चंद्रप्रकाश शुक्ला, सोनभद्र के अनिय मौर्य, लखीमपुर के बाला प्रसाद अवस्थी, मुजफ्फरनगर के कपिल देव अग्रवाल, इलाहाबाद के यज्ञदत्त शर्मा, काशी के केदार नाथ सिंह, सम्भल के सत्यपाल सैनी (सांसद), बुलंदशहर के भोला सिंह (सांसद), रामपुर के नैपाल सिंह (सांसद), मथुरा की हेमा मालिनी (सांसद), एटा के राजवीर सिंह (सांसद), बरेली के धर्मेन्द्र कश्यप (सांसद), अलीगढ़ के सतीश गौतम (सांसद), कानपुर देहात के देवेंद्र सिंह भोले (सांसद), बांदा के भैरो प्रसाद मिश्रा (सांसद), हमीरपुर के पुष्पेंद्र सिंह चन्देल (सांसद), फर्रूखाबाद के मुकेश राजपूत (सांसद), सिद्धार्थनगर के जगदंबिका पाल (सांसद), अंबेडकरनगर के हरिओम पांडे (सांसद), बाराबंकी की प्रियंका रावत (सांसद), फैजाबाद के लल्लू सिंह (सांसद), श्रावस्ती के दद्दन मिश्रा (सांसद), सुल्तानपुर के वरुण गांधी (सांसद), बलिया के भरत सिंह (सांसद) और बस्ती के हरीश द्विवेदी (सांसद)।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य (अवध क्षेत्र)
बाराबंकी के विवेकानंद पांडेय व सुंदरलाल दीक्षित। सीतापुर के साकेत मिश्रा, अजीत मेहरोत्रा और पूनम मिश्रा। उन्नाव के राधेश्याम रावत, रामचंद्र वर्मा। फैजाबाद के निशेंद्र मोहन मिश्र, अभिषेक मिश्रा, अनिल तिवारी व आदित्य मिश्रा। अंबेडकरनगर के जमुना प्रसाद चतुर्वेदी व कृपाशंकर वर्मा। गोंडा के पुष्कर मिश्रा व शेष नारायण मिश्रा। इसी तरह लखनऊ के श्यामनंदन सिंह, बृजलाल, बुक्कल नवाब, मनोहर सिंह, दिवाकर सेठ, दिनेश दुबे, विद्या सागर गुप्त, वीरेंद्र प्रताप सिंह, विंध्यवासिनी कुमार, जितेंद्र सोनकर, हीरो बाजपेयी, हरीश चंद्र श्रीवास्तव, राकेश कुमार श्रीवास्तव, रामकुमार शुक्ला, रामसिंह वाल्मीकि, रामचन्द्र सिंह प्रधान, रामनारायण साहू, राजेन्द्र तिवारी, शंकरलाल लोधी, वीरेंद्र तिवारी, चेतन सिंह विष्ट, जयपाल सिंह, जुगल किशोर, नीरज गुप्ता, नरेन्द्र सिंह राणा, अमित मिश्रा, अशोक बाजपेयी, ओपी श्रीवास्तव, कुसुम राय, मधु मिश्रा, पूर्णिमा वर्मा, अनीता अग्रवाल, नानकदीन भुर्जी और भिखारी सिंह। बलरामपुर के पलटू राम (विधा.), रायबरेली के रामनरेश रावत (विधा.) और हरदोई के अखिलेश पाठक। लखीमपुर के लोकेंद्र प्रताप सिंह, विनोद मिश्र और डॉ. ईरा श्रीवास्तव।
नई टीम में मोदी की काशी को बड़ा हिस्सा
भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में क्षेत्रीय संतुलन तो साध लिया गया लेकिन कुछ क्षेत्रों की हिस्सेदारी नहीं हो पाई। निषाद, राजभर और वाल्मीकि जैसी जातियों का प्रतिनिधित्व पदाधिकारियों में नहीं हो पाया है। शायद इसकी वजह प्रदेश में सामाजिक और जातीय व्यापक विविधता भी रही जिसने पार्टी के लोगों के हाथ बांध दिए। क्षेत्रीय लिहाज से पदाधिकारियों में पश्चिमी यूपी से 14, पूर्वी यूपी से 14 तो मध्य यूपी से 12 लोगों को जगह दी गई है, पर शहर के अनुसार देखें तो सबसे ज्यादा जगह पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को मिली है।
पदाधिकारियों में भी और सदस्यों में भी। पदाधिकारियों में आगरा और कानपुर के तीन-तीन, मेरठ और बहराइच अवध से दो-दो लोगों को सूची में जगह दी गई है। सीएम योगी के क्षेत्र गोरखपुर से सिर्फ एक नाम सूची में शामिल है। पदाधिकारियों में तीन महिलाएं हैं।
इसके अलावा मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर, बलिया, बदायूं, बांदा, बिजनौर, नोएडा, जौनपुर, अमेठी, बस्ती, लखीमपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, संतकबीरनगर, हापुड़ और कन्नौज से एक-एक पदाधिकारी बनाया गया है। स्वाति सिंह की जगह चंदौली की दर्शना सिंह को महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाकर क्षत्रियों के प्रतिनिधित्व को पहले जैसा ही रखने की कोशिश की गई है। पर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय का चंदौली से सांसद होना और दर्शना सिंह का भी इसी जिले से प्रतिनिधित्व करना कुछ असंतुलन की स्थिति भी बनाता दिख रहा है। इसी तरह महिलाओं को भी पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।
आगे की तैयारी व असंतुलन दूर करने की रणनीति
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि जिन्हें पद से हटाया गया है, उसकी वजह आगे की तैयारी और असंतुलन दूर करने की रणनीति है। हटाए गए पदाधिकारियों में बाबूराम निषाद और महेश श्रीवास्तव को निगम और बोर्डों में भेजने की तैयारी है जबकि उपाध्यक्ष प्रकाश शर्मा को कोई दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
राजवीर सिंह को हटाने के पीछे माना जाता है कि उनके पिता कल्याण सिंह का राज्यपाल होना और उनके पुत्र संदीप सिंह का प्र्रदेश सरकार में मंत्री होना बड़ी वजह रही। कल्याण सिंह के विश्वासपात्र बृज के क्षेत्रीय अध्यक्ष बीएल वर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर इसकी भरपाई की कोशिश की गई है।
जातीय संतुलन साधने की कोशिश
पदाधिकारियों की टीम में जातिवार संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। सूची में सात ब्राह्मण, छह ठाकुर, छह दलित और पांच वैश्यों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रदेश सरकार में गुर्जर प्रतिनिधित्व न होने की भरपाई दो गुर्जरों को प्रदेश पदाधिकारी बनाकर की गई है। इसके अलावा दो कुर्मी और दो सैनी तथा यादव, लोध, प्रजापति, मौर्य, गड़ेरिया, भूमिहार और पंजाबी खत्री के एक-एक व्यक्ति को प्रतिनिधित्व मिला है।
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