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उत्तर प्रदेश

इनर रिंगरोड पर बनेगी एलीवेटेड रोड, इन जगहों पर नहीं बनेंगे फ्लाईओवर

इनर रिंगरोड पर बनेगी एलीवेटेड रोड, इन जगहों पर नहीं बनेंगे फ्लाईओवर
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लखनऊ में इंजीनियरिंग चौराहा से मुंशीपुलिया तक करीब सात किमी. लंबी इनर रिंगरोड एलीवेटेड होगी। पहले तय था कि जरूरत के मुताबिक मुंशी पुलिया, टेढ़ी पुलिया और खुर्रमनगर चौराहा पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री व सांसद राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप के बाद फ्लाईओवर के प्रस्ताव को छोड़ दिया गया है। पीडब्ल्यूडी की नेशनल हाईवे डिवीजन ने एलीवेटेड रोड के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
इस प्रोजेक्ट के लिए बजट केंद्र सरकार के सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) से मिलेगा। पीडब्ल्यूडी की नेशनल हाईवे डिवीजन के अफसरों का कहना है कि फ्लाईओवर्स की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनने के बाद यह बदलाव किया गया है।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट को सांसद के सामने प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद उनका सुझाव आया कि जब तीन फ्लाईओवर ही बनाने हैं तो पूरा रूट ही एलीवेटेड क्यों न बनाया जाए, जो भविष्य की जरूरतें पूरी करे।
इस सुझाव के बाद दिल्ली की एजेंसी से इसकी फि जिबिलिटी जांच कराई गई। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय भेजा जा रहा है। प्रोजेक्ट को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिस हिसाब से वाहनों की संख्या बढ़ रही है इनर रिंगरोड एलीवेटेड होने से यह 30 साल तक की जरूरतें पूरी करेगा। संभावना जताई जा रही है कि अगले 30 साल में करीब डेढ़ से दो लाख वाहन इस सड़क से आउटर रिंगरोड बनने के बाद भी गुजर रहे होंगे।
सात किमी. में बनी फोर लेन मुख्य सड़क और दो लेन की सर्विस रोड से रोजाना करीब 70 से 80 हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। ऐसे में एलीवेटेड सड़क बन जाने के बाद हर रोज करीब पांच लाख लोगों को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा।
अभी व्यस्ततम समय में यहां घंटों जाम लगा रहता है। एलीवेटेड सड़क के बनने के बाद इससे बचा जा सकेगा। पीडब्ल्यूडी नेशनल हाईवे के एक्सईएन धर्मवीर सिंह बताते हैं कि रिंगरोड को एलीवेटेड करने पर काम चल रहा है।
वहीं सीतापुर रोड से फैजाबाद रोड तक एनएचएआई के आउटर रिंगरोड बनाने के बाद इस सड़क को प्रदेश सरकार को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश सरकार के फंड से पीडब्ल्यूडी विभाग इसका रखरखाव करेगा।
अभी तक इसके रखरखाव के लिए भी खर्च केंद्र सरकार के बजट से होता है। इसके लिए भी एक प्रस्ताव बनाया जा रहा है। केंद्र से मंजूरी के बाद इसे हैंडओवर कर दिया जाएगा।
अभी रिंगरोड की सबसे बुरी हालत आवासीय में चल रहे कॉमर्शियल उपयोग और सर्विस लेन पर बने मैरिज लॉन और होटलों ने की है। शादी या दूसरे कार्यक्रमों के समय सर्विस लेन लोगों के उपयोग की जगह अवैध पार्किंग में बदल जाती हैं। ऐसे में जाम की मुसीबत कम करने की जगह सर्विस लेन भी जाम के झंझट से जूझ रही होती हैं।
'‌‌र‌िंगरोड को एलीवेटेड बनाने से ही यहां लगने वाले जाम से राहत म‌िलेगी। ‌वित्तीय स्वीकृति दिलाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से भी केंद्रीय गृहमंत्री खुद समन्वय कर रहे हैं।' - दिवाकर त्रिपाठी सांसद प्रतिनिधि और पूर्व आईएएस
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