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उत्तर प्रदेश

रोटी, कपड़ा, मकान की तरह पर्यावरण संरक्षण अब मूलभूत आवश्यकता-शिवपाल सिंह यादव

रोटी, कपड़ा, मकान की तरह पर्यावरण संरक्षण अब मूलभूत आवश्यकता-शिवपाल सिंह यादव
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दो दिवसीय संगोष्ठी में पधारे देश भर के पर्यावरण विद
सैफई/इटावा ।पूर्व मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा है कि अब धरती पर हर तरफ जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है, इससे पृथ्वी के साथ साथ मानव अस्तित्व भी विनाश के मुहाने पर खड़ा है। अतः सरकार को रोटी, कपड़ा, मकान की तरह पर्यावरण संरक्षण को भी मूलभूत आवश्यकताओं में जोड़ना चाहिए।

श्री यादव शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह पीजी कालेज हेंवरा में शिक्षा संकाय द्वारा पर्यावरण सरंक्षण पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ के बाद मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश मे 4 वर्ष से स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है, मगर स्थिति जस की तस है ।केवल राजनैतिक प्रोपेगंडे की तरह देश भर में दिखावा और धन की लूट हो रही है। जनजागरूकता जब तक दिल से लोगों में नही होगी देश से गन्दगी और प्रदूषण का खात्मा नही होगा।

गोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलन के साथ शिवपाल सिंह ने उद्घाटन किया।उनका अभिनंदन प्राचार्य डॉ फतेहबहादुर सिंह, डॉ नीति यादव, बाहर से पधारे पर्यावरण विदों डॉ सुचित्रा वर्मा, प्रो डॉ सी पी यादव, प्रो डॉ एस पी बाजपेयी, डॉ एस डी सिंह के अलावा प्रो डॉ ब्रजेश चंद्र यादव, प्रो डॉ अरविंद यादव, डॉ जयवीर सिंह यादव,महावीर सिंह यादव ने प्रतीक चिन्ह और शाल भेंट कर किया।

गोष्ठी के उद्घाटन सत्र में पर्यावरण, मुद्दे और नीतियां विषय पर बोलते एमिटी यूनिवर्सिटी मध्यप्रदेश के डीन प्रो एस पी बाजपेयी ने आगाह किया कि धरती पर जिस तेजी से कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है, उससे धरती निरन्तर प्रलय की ओर बढ़ रही है। कार्बन डाई ऑक्साइड को कम करने और इससे एनर्जी बनाने के दूसरे देशों में प्रयास चल रहे है, मगर मानव इन शोधों से पूर्व कार्बन को खत्म करने के निजी प्रयास खुद शुरू करे।

प्रो डॉ रामशंकर यादव ने वनस्पतियो के विनास को रोकने और वन संपदा को बचाने को जन अभियान की जरूरत पर बल दिया

वक्ता के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो.धनंजय यादव, प्रो.विद्या अग्रवाल, डीएवी कालेज कानपुर के सी डी यादव, शिकोहाबाद के रिटायर्ड प्रो. एस डी सिंह, शकुंतला विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो.डॉ वीरेंद्र सिंह, डॉ राम रक्ष पाल ने भी संबोधित कर पर्यावरण सरंक्षण पर तकनीकी शोध और जानकारियां दीं।
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