विधानसभा में राज्य सरकार का ऐलान, कासगंज दंगे की होगी SIT जांच
BY Anonymous9 Feb 2018 5:04 PM GMT

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Anonymous9 Feb 2018 5:04 PM GMT
उत्तरप्रदेश सरकार कासगंज की घटना की एसआईटी जांच कराएगी। उसका कहना है कि अगर तिरंगा यात्रा को तय मार्ग से जाने से न रोका गया होता तो यह घटना नहीं होती। विधानसभा में यह ऐलान गुरुवार को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने किया, पर सपा, बसपा व कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने इससे असतुंष्ट होकर सदन का दिन भर के लिए बायकाट कर दिया। इन दलों की मांग थी कि कासगंज दंगे की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा जज से कराई जाए। पर सरकार ने इसे नहीं माना।
कासगंज में हिंसा सुनियोजित साजिश: रामगोविंद चौधरी विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने नियम 56 के तहत कासगंज मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि कासगंज में हिंसा सुनियोजित साजिश के तहत हिंसा कराई गई और मुसलमानों पर जानबूझ कर निशाने पर लिया गया। उन्होंने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि 26 जनवरी को कासगंज में मोटर साइकिल सवार कुछ लोग आते हैं। वो तिरंगे के साथ किसी विशेष संगठन का झंडा लेकर भी पहुंचे थे। कासगंज में कोई हिन्दू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ बल्कि विशेष संगठन के लोगों ने मुस्लिम लोगों को निशाना बनाया।
राम गोविंद चौधरी ने कहा कि कासगंज में सिर्फ मुस्लिम की दुकानें, घर, मस्जिद व अन्य को निशाना बनाया गया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नेता विरोधी दल को रोकते हुए कहा कि किसी विशेष समुदाय का नाम लेकर विधानसभा में चर्चा कर रहे हैं। ये सही नहीं है। बसपा नेता नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि प्रदेश में आपराधिक घटनाएं हो रही हैं और सरकार कानून का राज बता रही है।
एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी: खन्ना संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन को भरोसा दिलाया कि एसआईटी इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्रवाई करेगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हम पूरी निष्पक्षता से जांच करेंगे पुलिस पूरी मुस्तैदी से काम करेगी और सबको न्याय मिलेगा। चौधरी के आरोपों को निराधार बताते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि कासगंज में तिरंगा यात्रा परंपरागत रूप से पिछले 25-30 साल से निकल रही है और उसका एक तय मार्ग होता है।
बीच मार्ग में एक चौराहे पर कुर्सियां एवं मेजें लगाकर रास्ता रोका गया। जब यात्रा में शामिल लोगों ने अवरोधक हटाने को कहा तो उनकी बात नहीं मानी गयी, इसकी प्रतिक्रिया में छिटपुट हिंसा की घटना हुई। वहां कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं था । खन्ना ने जैसे ही कहा कि सपा राज्य में शांति नहीं चाहती, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा होते देख कर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दोपहर 1:47 बजे सदन 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। स्थगन का समय कई बार आगे बढ़ाना पड़ा।
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