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उत्तर प्रदेश

किरकिरी के बाद सपा में घमासान के हालात, "इन पर गिर सकती है गाज"

किरकिरी के बाद सपा में घमासान के हालात, इन पर गिर सकती है गाज
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सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद यूपी के बांदा में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्मला सिंह की कुर्सी जाते देख एक तरफ जहां भाजपा के गलियारों में खुशी का माहौल है तो दूसरी तरफ सपा में अंदरूनी घमासान के हालात हैं। सपा प्रदेश अध्यक्ष के खुद आने और डैमेज कंट्रोल की कोशिशों के बावजूद सपा के कई जिला पंचायत सदस्यों में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट देकर भाजपा का रास्ता आसान कर दिया। बगावत करने वाले सपा के सदस्यों में कम से कम तीन पर प्रदेश नेतृत्व की गाज गिर सकती है। जिला नेतृत्व ने कई दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान को भेज दी है।

दो वर्ष पूर्व सपा सरकार में सात जनवरी 2016 को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा की प्रत्याशी निर्मला सिंह निर्वाचित हुई थीं। प्रदेश में भाजपा की सत्ता आते ही निकाय/पंचायतों का भगवाकरण करने की कवायदें शुरू हो गईं। 28 दिसंबर 2017 को यह सुगबुगाहट यहां भी खुलकर सामने आ गई। 16 सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ बगावत का परचम उठा लिया और अविश्वास प्रस्ताव के लिए सामूहिक हस्ताक्षरों और शपथ पत्र के साथ डीएम को नोटिस पेश कर दी।

डीएम ने 23 जनवरी 2018 प्रस्ताव नोटिस पर बैठक और मतदान की तिथि तय कर दी। इस अवधि में सपा और भाजपा में जिला पंचायत को लेकर राजनीति गर्मा गई। सदस्यों को अपने पाले में लाने की जोड़तोड़ शुरू हो गई। बैठक के तीन दिन पूर्व सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपनी पार्टी के सदस्यों को संभालने और समझाने के लिए बांदा आए। कुछ सदस्य अंदरूनी तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके प्रतिनिधि लाखन सिंह से खफा थे।

प्रदेश अध्यक्ष ने डैमेज कंट्रोल की भरपूर कोशिश की। लेकिन बैठक में सपा की सारी कवायदें धरी रह गईं। बागी सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 21 हो गई। कुल 30 सदस्यीय जिला पंचायत में प्रस्ताव के पक्ष में 21 सदस्यों ने वोट डाले।

इसके अगले ही दिन अध्यक्ष निर्मला सिंह अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आईं। लेकिन 13 दिन बाद ही पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में याचिका खारिज हो गई। याचिका खारिज होने के बाद भाजपाई गलियारों में खुशियां हैं। नया अध्यक्ष भाजपा के खेमे का होने की पूरी संभावना है। दूसरी तरफ मात खाई सपा अब अपने उन सदस्यों की खबर लेने में जुट गई है जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

सूत्र बताते हैं कि सपा के तीन जिला पंचायत सदस्यों के नाम आए हैं। इन तीनों के पति सपा के मौजूदा या पूर्व में ओहदेदार रहे हैं। सपा के जिला नेतृत्व ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को भेज दी है। अब कार्रवाई की गेंद प्रदेश नेतृत्व के पाले में है। बागी सदस्य भारी न पड़े तो उन पर किसी भी दिन कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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