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उत्तर प्रदेश

सवालों के घेरे में यूपी पुलिस के एनकाउंटर

सवालों के घेरे में यूपी पुलिस के एनकाउंटर
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ऑपरेशन क्लीन के तहत उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर में अपराधियों के साथ-साथ बेकसूर भी बलि का बकरा बन रहे हैं. दरअसल इनाम और प्रमोशन के लालच में सरकार की तरफ से मिली छूट के बाद पुलिस वालों में एनकाउंटर को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. आलम यह है कि पिछले 14 घंटे में 8 मुठभेड़ हुए और 14 अपराधी गिरफ्तार किए गए. नोएडा के जिम ट्रेनर जीतेन्द्र यादव पहला व्यक्ति नहीं है जो इस फर्जी एनकाउंटर का शिकार हुआ. इससे पहले नोएडा के सुमित गुर्जर एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हुए थे.
सुमित एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले साल 5 अक्टूबर को सरकार को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया था. पुलिस पर आरोप है कि 3 अक्टूबर की रात सुमित को पुलिस ने उठाया और फर्जी एनकाउंटर में उसे मार गिराया.
अब जीतेन्द्र यादव एनकाउंटर में भी यह बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि प्रमोशन के लालच में इस एनकाउंटर को अंजाम दिया गया. हालांकि मामले में एसएसपी लव कुमार ने दरोगा विजय दर्शन को गिरफ्तार करने के साथ सभी चरों को निलंबित कर दिया है.
मथुरा में भी एक बच्च की हुई थी मौत
मथुरा में 18 जनवरी को बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ साल के बच्चे माधव भरद्वाज की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ चल रही थी. एक बच्चा उधर से निकलने की कोशिश कर रहा था, तभी एक गोली उसके सिर में जा लगी थी, जिससे उसकी मौत हो गई.
पीलीभीत एनकाउंटर में 47 पुलिसकर्मियों को हो चुकी है सजा
फर्जी एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस का रिकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं है. 1991 में पीलीभीत जिले में हुए 12 लोगों के फर्जी एनकाउंटर के मामले में हाईकोर्ट ने 47 पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आरोप था कि पीलीभीत में पटना साहिब और दूसरे तीर्थ स्थल से लौट रहे यात्रियों के एक जत्थे को रोककर पुलिस 12 लोगों को अपने साथ ले गई थी. उसके बाद सभी को अलग-अलग एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस ने सभी को आतंकवादी बताया था.
सपा का आरोप-अपराध रोकने के लिए फर्जी मुठभेड़ करा रही सरकार
सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी नाकामी छिपाने और अपराध रोकने के नाम पर फर्जी मुठभेड़ करा रही है. उन्होंने नोएडा में फर्जी एनकाउंटर में युवकों को गोली मारने के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की. चौधरी ने कहा है कि सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने अपराधियों को चेतावनी दी थ पर, 10 महीनों में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. ऐसे में नाकामी छिपाने के लिए मुठभेड़ के नाम पर अपराधियों को मार गिराने की वाहवाही का प्रचार हो रहा है.
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