अब सहारनपुर की महिला अधिकारी का सामने आया विवादित पोस्ट
BY Anonymous3 Feb 2018 6:36 AM GMT

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Anonymous3 Feb 2018 6:36 AM GMT
बरेली डीएम के बाद अब सहारनपुर में तैनात एक महिला अफसर ने सोशल मीडिया पर कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता की मौत पर नई बहस छेड़ दी है. डिप्टी डायरेक्टर सांख्यिकी के पद पर तैनात रश्मि वरुण ने फेसबुक पोस्ट में कासगंज हिंसा की तुलना सहारनपुर के मामले से की है. 28 जनवरी को रश्मि वरुण ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, 'तो ये थी कासगंज की तिरंगा रैली. यह कोई नई बात नहीं है. अंबेडकर जयंती पर सहारनपुर के सड़क दूधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी.
उसमें से अंबेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गये थे. कासगंज में भी यही हुआ. तिरंगा गायब और भगवा शीर्ष पर. जो लड़का मारा गया, उसे किसी दूसरे, तीसरे समुदाय ने नहीं मारा. उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवान ने खुद मारा.
इसके आगे रश्मि ने अपनी पोस्ट में लिखा, कि जो नहीं बताया जा रहा है वो ये कि अब्दुल हमीद की मूर्ति या तस्वीर पे तिरंगा फहराने की बजाय इस तथाकथित तिरंगा रैली में चलने की जबरदस्ती की गई और केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया.
मामला सामने आने के बाद डिप्टी डायरेक्टर की पोस्ट की चर्चा बड़े अधिकारियों में जोर-शोर से हो रही है. वहीं डिप्टी डायरेक्टर रश्मि वरुण ने कहा की फेसबुक पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है, जो किसी के खिलाफ हो. उन्होंने कहा गणतंत्र दिवस मनाने का सभी को अधिकार है. इससे पहले या बाद मनाने का कोई मतलब नहीं होना चाहिए साथ.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई गलत मैसेज चलता हैं, तो उसे रोकने की पहल नहीं होती बल्कि वायरल होता चला जाता है. इससे माहौल बिगड़ने के हालात पैदा होते हैं. वहीं अपनी पोस्ट के कुछ ही समय बाद डिप्टी डायरेक्टर बैकफुट पर आती नजर आई, उन्होंने कहा कि उनकी पोस्ट से अगर किसी की भावना आहत हुई है तो वह माफी मांगती हैं.
बता दें कि 26 जनवरी को यूपी के कासगंज में कुछ युवक गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा रैली के नाम से एक मुस्लिम इलाके में पहुंचे थे. उनके हाथों में भगवा झंडे भी थे. आरोप है कि इन युवकों ने मुस्लिमों से जबरदस्ती नारे लगाने के लिए कहा, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई और हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में 22 साल के चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी.
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