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उत्तर प्रदेश

अब तो तिरंगा ही उसके घर का चंदन

अब तो तिरंगा ही उसके घर का चंदन
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यूं तो तिरंगा हर हिन्दुस्तानी की शान है पर कासगंज में संगीता के लिए तिरंगा ही उसके घर का चंदन है। उसके चंदन को जिस तिरंगे से बेपनाह मोहब्बत थी, उसकी मां संगीता ने वो तिरंगा अपने कलेजे से लगा रखा है, जिस तिरंगे में उसका चंदन मौत की नींद में लिपटा आया था। तभी से वे अपने बेटे को शहीद कहती हैं।
गणतंत्र दिवस का दिन था। चंदन के दोनों गालों पर तिरंगा कड़ा हुआ था। अपनी जिस बुलट पर चंदन यात्रा के लिए निकला था, उस पर भी शान से तिरंगा लहरा रहा था। उसके साथ सवार साथी भी तिरंगा लहराते हुए भारत माता की जय जयकार करते प्रभु पार्क से निकले थे, लेकिन संगीता को क्या पता था कि उसका बेटा चंदन जिस तिरंगे को लेकर निकला है, अब आखिरी बार उसी में लिपटा चिरनिद्रा में लौटेगा। चंदन के जाने का पहाड़ सा दुख उसकी मां की सिसकियां और आंसुओं की धारा में नजर आता है। अब संगीता ने उसी तिरंगे को ओढ़ लिया है, जिसे ओढ़कर उसका चंदन खामोश आया था।
बोली चंदन की मां
मेरा चंदन शहीद है, उसे शहीद का दर्जा देने में सरकार को क्या हिचक है। मेरे चंदन के नाम से चंदन चौक बनाया जाए, जिससे तिरंगे की शान शहादत को देश याद रखेगा।
संगीता गुप्ता, चंदन की मां
बोले चंदन के पिता
मेरा चंदन देश भक्त था, सुबह से ही गणतंत्र दिवस मनाने को लेकर तैयारी में जोरशोर से जुटा हुआ था। साथियों के साथ तिरंगा यात्रा में गया था, जहां मेरे चंदन को गोली मार दी गई। हम अपने चंदन को शहीद का दर्जा चाहते हैं, उसके नाम से चंदन चौक सरकार को बनाना चाहिए।
-सुशील गुप्ता, चंदन के पिता
पूजा किन्नर से पूछताछ, जांच के बाद में छोड़ा
पुलिस ने दंगे के मामले में आशंका पर शहर की किन्नर गुरु पूजा को हिरासत में ले लिया। इसके बाद अन्य किन्नर शिष्य एकत्र हो गए। उन्होंने कोतवाली पहुंचकर उसकी बेगुनाही की बात कही। पूलिस ने जांच पड़ताल के बाद दोपहर को उसे छोड़ दिया।
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