कासगंज सिटी शांत लेकिन कस्बों में उपद्रव, अमापुर और गंजडुंडवारा में फिजा बिगड़ी

कासगंज - सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसा कासगंज मंगलवार को शांत रहा। कस्बों में शरारती तत्वों ने उत्पात की कोशिश की, पर मुस्तैद पुलिस ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया। शहर के मुख्य बाजारों में चुनिंदा दुकानें ही खुलीं, हालांकि बाहरी इलाके में अच्छी चहल-पहल रही। इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है। पुलिस ने शाम को चार और युवकों को दबोचा है। साथ ही हत्या के मुख्य आरोपी समेत अन्य नामजद लोगों के घर पर कुर्की के नोटिस चस्पा किए गए। हिरासत में लिए गए लोगों के परिजनों ने निर्दोषों का फंसाने का आरोप लगाते हुए धरना भी दिया। इसके बाद किन्नर गुरु समेत 38 लोगों को रिहा कर दिया गया। अमापुर और गंजडुंडवारा कस्बों में मंगलवार को अराजक तत्वों ने माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया। अमांपुर में धर्मस्थल के कंगूरे तोड़ डाले, जबकि गंजडुण्डवारा में कुछ परिवारों को पलायन के लिए विवश किया। जानकारी पर पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर आ गए, स्थिति को संभाल दोनों कस्बों में शांति बहाली की। इसके अलावा डीएम और एसपी ने कई कस्बों का आरएएफ के साथ भ्रमण कर कानून व्यवस्था का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।
आइजी डॉ. संजीव गुप्ता के नेतृत्व में बड्डू नगर में कई घरों में दबिश दी गई। पुलिस ने चार युवकों को दबोचा है। इधर चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी वसीम समेत 13 नामजद लोगों के घर पर कुर्की के नोटिस चस्पा कराए गए। एसटीएफ की टीम भी कासगंज पहुंच गई है। सोमवार रात पुलिस ने दबिश देकर किन्नर समाज की जिलाध्यक्ष पूजा किन्नर समेत कई लोग पूछताछ के लिए हिरासत में लिए थे। मंगलवार को किन्नर समाज के लोग और पकड़े गए लोगों के परिवार की महिलाएं नदरई चौकी के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने पुलिस पर निर्दोषों को परेशान करने का आरोप लगाया। तहसीलदार एनराम, कोतवाली प्रभारी ने दोपहर तक पकड़े गए लोगों को घर भेजने का भरोसा दिया, इस पर धरना समाप्त हो गया। शाम को पूजा किन्नर को छोड़ दिया गया। एसडीएम सदर देवेंद्र प्रताप ने बताया कि धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में पकड़े गए 38 लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। एसपी पीयूष श्रीवास्तव के मुताबिक अब तक कुल 113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।